फतेहपुर में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम पांच सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। खाद, धान खरीद, सिंचाई, अन्ना मवेशी और अवैध वसूली जैसे मुद्दों पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

भारतीय किसान यूनियन ने फतेहपुर डीएम को सौंपा ज्ञापन
Fatehpur: जिले में किसानों की कई समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने मुख्यमंत्री के नाम एक पांच सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है। संगठन ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि किसानों की मांगों पर शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई तो उन्हें मजबूरन धरना-प्रदर्शन और आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
इन मुद्दों को लेकर सौंपा ज्ञापन
यह ज्ञापन संगठन के जिलाध्यक्ष राजकुमार गौतम के नेतृत्व में सौंपा गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और अपनी समस्याओं को लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया। जिलाध्यक्ष राजकुमार गौतम ने कहा कि किसान लगातार खाद, सिंचाई, धान खरीद और आवारा पशुओं जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
कई किसान संगठनों पर गंभीर आरोप लगाए
ज्ञापन में सबसे पहले जिले में सक्रिय कुछ तथाकथित किसान संगठनों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिलाध्यक्ष ने कहा कि इन संगठनों में आपराधिक प्रवृत्ति के लोग पदों पर बैठे हुए हैं, जो किसानों के हितों की आड़ में व्यापारियों से अवैध वसूली, जमीनों पर जबरन कब्जा और दबंगई जैसे गैर-कानूनी कार्य कर रहे हैं। संगठन ने प्रशासन से ऐसे तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
धान खरीद का मुद्दा उठाया
किसानों ने सहकारी समितियों में खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि किसान सुबह से शाम तक खाद के लिए लाइनों में खड़े रहते हैं, इसके बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पाती। इससे फसलों की बुवाई और उत्पादन प्रभावित हो रहा है। किसानों ने आरोप लगाया कि खाद की कालाबाजारी भी जोरों पर है, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। ज्ञापन में धान खरीद का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया है। किसानों ने मांग की है कि धान खरीद केंद्रों पर वास्तविक किसानों के धान की प्राथमिकता के आधार पर तौल कराई जाए। साथ ही दलालों और व्यापारियों द्वारा बेचे जा रहे धान की जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। किसानों का आरोप है कि दलाल किसानों का हक मार रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इन मांगों को भी रखा
सिंचाई व्यवस्था को लेकर किसानों ने नहरों और रजबहों में समय से पानी छोड़े जाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि समय पर पानी न मिलने से फसलें सूखने की कगार पर पहुंच जाती हैं। इसके अलावा निजी खाद दुकानों पर यूरिया के साथ जिंक सल्फर जैसे अन्य उत्पाद जबरन टैग कर ऊंचे दामों पर बेचने का भी आरोप लगाया गया है। संगठन ने इस पर तत्काल रोक लगाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में अन्ना मवेशियों की समस्या को भी प्रमुखता से उठाया गया है। किसानों ने मांग की है कि आवारा पशुओं को पकड़कर गौशालाओं में भेजा जाए और वहां चारा-पानी की व्यवस्था की नियमित जांच कराई जाए, जिससे किसानों की फसलें सुरक्षित रह सकें। जिलाध्यक्ष राजकुमार गौतम ने कहा कि यदि प्रशासन ने इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) आंदोलन करने को मजबूर होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।