बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां कुशीनगर की एक युवती के साथ ई-रिक्शा में दुष्कर्म के प्रयास की घटना ने पुलिस को हिलाकर रख दिया। अब तक कछुआ चाल में चल रहा ई-रिक्शा चालकों का सत्यापन अभियान अचानक तेज कर दिया गया है। बुधवार को शहर कोतवाली में ई-रिक्शा चालकों को आधार और पहचान पत्र जमा करने के निर्देश दिए गए। जिलेभर में पुलिस अब चालकों का पूरा सिजरा खंगालने में जुट गई है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को युवती बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर उतरी और तिवारीगंज, लखनऊ जाने के लिए एक ई-रिक्शा में बैठी। आरोप है कि सफेदाबाद ओवरब्रिज पर चालक और उसके साथियों ने रिक्शा रोककर दुष्कर्म का प्रयास किया। काफी देर बाद मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस घटना ने न केवल पुलिस की फजीहत कराई, बल्कि जिलेभर में अनियंत्रित तरीके से दौड़ रहे ई-रिक्शों की हकीकत भी उजागर कर दी।
ई-रिक्शा चालकों का सत्यापन कराया…
मिली जानकारी के मुताबिक, नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना लाइसेंस, नाबालिग और अराजक तत्व भी ई-रिक्शा चला रहे हैं। पहले से सत्यापन के निर्देश होने के बावजूद कार्रवाई ठप पड़ी थी। घटना के बाद अब पुलिस ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि जिले में सभी ई-रिक्शा चालकों का सत्यापन कराया जा रहा है और यह अभियान तेजी पर है। गौरतलब है कि इस प्रकार के मामले आए दिन आते है जो देश और समाज के लिए बेहद शर्मनाक है। ऐसें में समाज में बेटी सुरक्षा को लेकर भी बड़ा सवाल उठता है।
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