बाराबंकी: शहर की सफाई व्यवस्था पर नगर पालिका परिषद बाराबंकी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। नगर क्षेत्र में खुले कूड़ा ढोने वाले वाहनों की आवाजाही न केवल स्वच्छता अभियान को धत्ता बता रही है, बल्कि आम जनता की जान को भी खतरे में डाल रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, ताजा मामला शहर के मुख्य मार्गों पर देखे गए उन कूड़ा वाहनों का है, जो बिना किसी ढकाव (प्लास्टिक की पन्नी या त्रिपाल) के खुलेआम दौड़ते नजर आ रहे हैं। इन भारी वाहनों में कूड़ा ऊपर तक भरा होता है, जो हवा में उड़कर राहगीरों, खासतौर पर बाइक सवारों और पैदल चलने वालों पर गिरता है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उड़ता हुआ कचरा कई बार लोगों की आंखों में चला जाता है, जिससे बाइक सवारों का संतुलन बिगड़ने का खतरा बना रहता है। कई बार पीछे चल रहे वाहन चालकों को अचानक रुकना पड़ता है, जिससे टक्कर की संभावना बढ़ जाती है। इससे न केवल हादसे हो सकते हैं, बल्कि संक्रमण फैलने का भी डर बना रहता है।
लापरवाही अब बर्दाश्त के बाहर
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका की यह लापरवाही अब बर्दाश्त के बाहर हो चुकी है। एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत मिशन को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, दूसरी तरफ नगर प्रशासन की यह लापरवाही उस मिशन पर सवाल उठा रही है। शहरवासी चाहते हैं कि कूड़ा उठाने वाले सभी वाहनों को ढका जाए और नियमों का सख्ती से पालन हो।
संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश
इस संबंध में नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों से जब बात की गई तो उन्होंने माना कि यदि ऐसा हो रहा है तो यह गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि आगे से सभी कूड़ा वाहन ढके हुए ही चलें।
लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ बयान देकर जिम्मेदारियां खत्म हो जाती हैं? या फिर प्रशासन को तब जागना चाहिए जब कोई बड़ा हादसा हो जाए? शहर की सड़कों पर खुले कूड़ा वाहनों की यह दौड़ अगर जल्द नहीं रोकी गई, तो न सिर्फ साफ-सफाई पर असर पड़ेगा, बल्कि लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी।