बाराबंकी: अगर हौसले हो तो उड़ान को कोई नहीं रोक सकता कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बाराबंकी की छात्रा चाइल्ड साइंटिस्ट पूजा ने।पूजा की उपलब्धियों पर केंद्र सरकार पूजा को एक सप्ताह के विजिट के लिए सकूरा हाई स्कूल प्रोग्राम के तहत जापान भेज रही है।पूजा आज शाम दिल्ली से फ्लाइट से जापान जाएंगी और 21 जून तक उनका टूर है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,पूजा बाराबंकी जनपद के सिरौली गौसपुर तहसील के आगेहरा गांव की रहने वाली है। पूजा के पिता पुत्तीलाल मजदूरी करते हैं वहीं उनकी मां सुशीला स्कूल में भोजन बनाती है और उसी स्कूल में पूजा ने पढ़ाई की है। पूजा शुरू से ही बहुत ही मेधावी और प्रतिभावान रही है।
मौजूदा वक्त में पूजा जगदीशचंद्र फतेसराय इंटर कॉलेज में कक्षा 12 की छात्रा हैं। बचपन से ही प्रतिभाशाली रही पूजा ने कक्षा 8 में एक अनोखा ‘धूल रहित थ्रेशर’ मॉडल बनाया था. स्कूल के पास गेहूं की मढ़ाई के दौरान उड़ने वाली धूल से परेशान बच्चों के लिए यह मॉडल किसी वरदान से कम नहीं आंका गया।
टिन और पंखे की सहायता से बनाए गए इस मॉडल में उड़ने वाली धूल को एक थैले में संग्रहित करने की तकनीक अपनाई गई।इस मॉडल को पहले जिला, फिर राज्य और अंततः राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली. पूजा की इस वैज्ञानिक सोच के पीछे उनके गाइड शिक्षक राजीव श्रीवास्तव का बड़ा योगदान रहा है। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से पूजा ताल्लुक रखती है। दिल्ली स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में पूजा समेत देशभर से चयनित 54 विद्यार्थियों का ओरियंटेशन कार्यक्रम आयोजित होगा।
इस यात्रा के दौरान पूजा अन्य भारतीय छात्रों के जापान के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और संस्कृति का अनुभव करेगी। इस यात्रा में वह आधुनिक प्रयोगशालाओं और इंटरैक्टिव वर्कशॉप्स में भी भाग लेंगी, साथ ही जापानी संस्कृति को भी करीब से अनुभव करेगी। साथ ही जापानी छात्रों व वैज्ञानिकों से संवाद कर अंतरराष्ट्रीय विज्ञान दृष्टिकोण प्राप्त करेगी।
छात्रा पूजा ने इंस्पायर अवार्ड मानक की राष्ट्रीय विजेता बनकर और आई आर आई एस नेशनल फेयर में देश के टॉप 100 विद्यार्थियों में स्थान पाकर उत्तर प्रदेश व भारत का नाम रोशन किया है। सीमित संसाधनों के बावजूद पूजा ने विज्ञान व तकनीक में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश के 54 चयनित छात्रों में जगह बनाई है। और अब जापान जा रही है। पूजा उन हज़ारों बच्चों के लिए प्रेरणा बन गई हैं जो संसाधन विहीन है और उनके सपने बड़े होते है।पूजा की उड़ान और उपलब्धि से उन सभी छात्र छात्राओं को प्रेरणा मिलेगी।पूजा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर आज न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा गांव गर्व से झूम उठा है।