महराजगंज के ठाकुर आरोग्यम हॉस्पिटल में ऑपरेशन के दौरान हुई प्रसूता की मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। लापरवाही साबित होने पर दो डॉक्टरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

श्री ठाकुर आरोग्यम हॉस्पिटल
Maharajganj: महराजगंज जनपद के चौक रोड स्थित श्री ठाकुर आरोग्यम हॉस्पिटल में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। थाना कोतवाली महराजगंज पुलिस ने इस प्रकरण में अस्पताल की संचालक डॉक्टर डॉ. अरुणा ठाकुर एवं डॉ. आशीष मिश्रा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई मृतका के पति द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमरेन्द्र यादव पुत्र महेश्वर यादव निवासी नन्दना टोला शिवपुर, पोस्ट बेलवा खुर्द, थाना घुघली, जनपद महराजगंज ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी मनीषा गर्भवती थीं। 28 दिसंबर 2025 को दोपहर लगभग एक बजे प्रसव पीड़ा शुरू होने पर आशा कार्यकर्ता संगीता के कहने पर सायं करीब पांच बजे उन्हें श्री ठाकुर आरोग्यम हॉस्पिटल, चौक रोड में भर्ती कराया गया। अस्पताल में डॉ. अरुणा ठाकुर और डॉ. आशीष मिश्रा की देखरेख में शाम सात बजे के बाद ऑपरेशन किया गया, जिसमें एक पुत्र का जन्म हुआ।
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परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद महिला को आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया और उन्हें मिलने तक नहीं दिया गया। बार-बार पूछताछ के बावजूद डॉक्टरों द्वारा सही जानकारी नहीं दी गई। दिनांक 29 दिसंबर 2025 को शाम करीब चार बजे अस्पताल के आईसीयू डॉक्टरों ने महिला की हालत अत्यंत गंभीर बताते हुए रेफर करने की बात कही। इसके बाद परिजन महिला को सिटी हॉस्पिटल महराजगंज लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि लापरवाहीपूर्वक ऑपरेशन किए जाने के कारण महिला की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी।
इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर दर्ज की और प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों की लापरवाही सामने आने पर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामले में मेडिकल रिपोर्ट, ऑपरेशन से जुड़े दस्तावेज, स्टाफ के बयान और अन्य साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।
घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन भी हरकत में आ गया है। अस्पताल की भूमिका की जांच के निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्र में इस घटना को लेकर गहरा रोष व्याप्त है और लोग निजी अस्पतालों की मनमानी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।