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गलती पड़ी जान पर भारी, जहरीले बीज खाने से अस्पताल पहुंचे 30 मासूम, जानें श्रावस्ती में कैसे हुआ ये हादसा?

केशवपुर गांव में 30 बच्चों ने खेल में जहरीले बीज मूंगफली समझकर खा लिए, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 10 बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग ने इलाज शुरू कर दिया है।
Post Published By: Asmita Patel
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गलती पड़ी जान पर भारी, जहरीले बीज खाने से अस्पताल पहुंचे 30 मासूम, जानें श्रावस्ती में कैसे हुआ ये हादसा?

Shravasti: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में शुक्रवार देर शाम एक बड़ा हादसा सामने आया है जिसमें 30 बच्चों की हालत अचानक खराब हो गई। सभी बच्चे खेतों में घूमते समय गलती से जहरीले जंगली बीज खा बैठे, जिन्हें उन्होंने मूंगफली समझ लिया था। बीज खाने के कुछ घंटे बाद बच्चों को लगातार उल्टी, चक्कर, पैरों में सुन्नपन और सांस लेने में परेशानी होने लगी, जिसके बाद परिजनों ने उन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचाया।

‘रण का बीज’ समझ बैठे मूंगफली

यह घटना श्रावस्ती के भिनगा इलाके के केशवपुर गांव की है। स्थानीय लोगों के अनुसार, खेतों में उगने वाले एक जंगली पौधे के बीज को यहां के बच्चे अक्सर खेल-खेल में उठा लेते हैं। इस बार बच्चों ने उस ‘रण के बीज’ को मूंगफली समझ कर खा लिया। ‘रण का बीज’ स्थानीय भाषा में उस विषैले बीज को कहा जाता है जिसके सेवन से तत्काल विषक्रिया शुरू हो जाती है।

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परिजनों में हड़कंप

रात करीब 10 बजे के आसपास बच्चों ने दस्त, उल्टी और पेट दर्द की शिकायत करनी शुरू कर दी। परिजन पहले इसे सामान्य समस्या समझते रहे लेकिन जब कई बच्चों को लगातार झटके आने लगे तो गांव में अफरा-तफरी मच गई। एक-एक परिवार अपने बच्चों को उठाकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचने लगा। कुछ परिवार रिक्शा, कुछ बाइक और कुछ पैदल ही बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में एक ही समय 30 बच्चों के भर्ती होने से मेडिकल स्टाफ अलर्ट मोड पर आ गया।

डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा

अस्पताल में तैनात इमरजेंसी डॉक्टर एम. एम. सोनकर ने बताया कि सभी बच्चों के शरीर में विषाक्त पदार्थ के लक्षण दिखाई दे रहे थे। उन्होंने बताया कि बच्चों ने जहरीला पदार्थ खाया है, जिसके कारण उनकी हालत बिगड़ी। हमने सभी का तुरंत उपचार शुरू कर दिया है और उन्हें निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों की टीम ने बच्चों को तुरंत एंटी-टॉक्सिन, फ्लूइड और अन्य आवश्यक दवाएं देकर इलाज शुरू किया।

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10 बच्चों की हालत अब भी गंभीर

हालांकि 20 बच्चों की हालत सुबह तक स्थिर हो गई, लेकिन 10 बच्चों की स्थित‍ि अब भी गंभीर बनी हुई है। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है और लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि विषाक्त पदार्थ ज्यादा मात्रा में सेवन कर लेने से इन बच्चों पर असर अधिक हुआ है। इन बच्चों को आवश्यकता पड़ने पर उच्च स्तरीय मेडिकल सेंटर रेफर भी किया जा सकता है।

माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल

गांव में बच्चों की इस एक साथ बिगड़ी हालत से दहशत फैल गई है। कई माता-पिता अस्पताल में अपने बच्चों के बिस्तरों के पास बैठे रोते नजर आए। गांव के एक बुजुर्ग ने कहा कि हमने कभी नहीं देखा कि एक ही समय इतने बच्चों को अस्पताल ले जाना पड़े। यह बहुत डराने वाला है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची

घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव केशवपुर पहुंची। टीम ने उन पौधों और बीजों के नमूने लिए जिन्हें बच्चों ने खाया था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बीज अत्यंत विषैले होते हैं और इनका सेवन करने से कुछ ही घंटों में शरीर में विषक्रिया फैल जाती है।

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