उच्चतम न्यायालय ने 74 वर्षों तक संविधान के ‘मन और आत्मा’ के रूप में काम किया
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बी.आर. गवई ने रविवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने नागरिकों के अधिकारों के साथ-साथ संविधान की प्रस्तावना में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों की रक्षा करके पिछले 74 वर्षों से संविधान के ‘मन और आत्मा’ के रूप में काम किया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट