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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने सितंबर तिमाही में करोड़ों का घाटा दर्ज किया। कंपनी ने इस घाटे के लिए रुपये और डॉलर को ज़िम्मेदार ठहराया। कंपनी के CEO पीटर एल्बर्स ने घोषणा की है कि कंपनी लंबी दूरी की एयरबस A321 XLR लॉन्च करेगी।
इंडिगो को करोड़ों का नुकसान
New Delhi: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन्स में से एक, इंडिगो को सितंबर तिमाही में भारी वित्तीय नुकसान हुआ। कंपनी को ₹2,582.10 करोड़ (लगभग 2.582 अरब रुपये) का शुद्ध घाटा हुआ। इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन ने गुरुवार को अपनी तिमाही रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि इस घाटे की सबसे बड़ी वजह रुपये में गिरावट और डॉलर में बढ़ते भुगतान हैं।
पिछले साल इसी तिमाही में इंडिगो को ₹986.7 करोड़ (लगभग 2.86 अरब रुपये) का घाटा हुआ था। जून 2025 की तिमाही में, कंपनी ने ₹2,176.30 करोड़ (लगभग 2.76 अरब रुपये) का लाभ दर्ज किया। यह महज तीन महीनों में कंपनी की वित्तीय स्थिति में एक बड़ा अंतर दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती ईंधन लागत और विमान रखरखाव खर्च के साथ-साथ गिरते रुपये ने कंपनी की बैलेंस शीट पर नकारात्मक प्रभाव डाला।
ईंधन और रखरखाव, विमानन उद्योग के दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनका भुगतान ज़्यादातर डॉलर में होता है। तिमाही के दौरान रुपये में आई गिरावट के कारण एयरलाइन को ज़्यादा भुगतान करना पड़ा। इंटरग्लोब एविएशन के अनुसार, "रुपये में उतार-चढ़ाव के कारण कंपनी के परिचालन खर्च में वृद्धि हुई, जिससे शुद्ध घाटा बढ़ा।"
नुकसान से जूझ रहा इंडिगो
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा कि कंपनी दिसंबर 2025 में अपना पहला लंबी दूरी का एयरबस A321 XLR विमान पेश करेगी। इस नए विमान में 183 इकॉनमी सीटें और 12 स्ट्रेच सीटें होंगी। उन्होंने कहा कि यह नया मॉडल कंपनी को अपने अंतरराष्ट्रीय उड़ान नेटवर्क का विस्तार करने में मदद करेगा।
एल्बर्स ने यह भी बताया कि इंडिगो जल्द ही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को डैम्प लीज़ पर पेश करने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि कंपनी आंशिक क्रू और रखरखाव सेवाओं के साथ विमान को लीज़ पर लेगी।
पीटर एल्बर्स ने कहा कि जुलाई के बाद विमानन क्षेत्र में स्थिरता आई और अगस्त व सितंबर में धीरे-धीरे सुधार हुआ। उन्होंने बताया कि इंडिगो की घरेलू बाजार हिस्सेदारी 64.3 प्रतिशत है, जो इसे भारत की नंबर एक एयरलाइन बनाती है।
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कंपनी अब विदेशी मार्गों और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए काम कर रही है। इसके लिए, वह नए विमानों और नए मार्गों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। एल्बर्स ने उम्मीद जताई कि अगली दो तिमाहियों में रुपये की स्थिरता और परिचालन खर्चों में कमी से कंपनी को मुनाफे में वापसी करने में मदद मिलेगी।
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