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देखिए लक्ष्मीपुर गांवों के विकास की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट, पंचायत भवन पर हैरान करने वाला खुलासा

महराजगंज में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल अंतिम दौर में चल रहा लेकिन लक्ष्मीपुर ब्लॉक में अभी तक विकास पूरी तरह से अस्तित्व में नहीं आ सका है। डाइनामाइट न्यूज़ पर देखिये पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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देखिए लक्ष्मीपुर गांवों के विकास की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट, पंचायत भवन पर हैरान करने वाला खुलासा

लक्ष्मीपुर (महराजगंज): ग्राम पंचायतों का पंचवर्षीय कार्यकाल अंतिम दौर में चल रहा है लेकिन लक्ष्मीपुर ब्लॉक के गांवों से विकास अभी भी कोसों दूर है। ग्रामीण विकास के उद्देश्य की पूर्ति के लिए गांवों में बहुउद्देशीय भवन ग्रामीण सचिवालय का निर्माण कराया गया है।

यहां एक ही भवन में ग्राम पंचायतों की बैठक के साथ-साथ ग्राम पंचायत अधिकारी की मौजूदगी, ग्राम विकास से सम्बन्धित दस्तावेज, कम्प्यूटर आदि की उपलब्धता रहेगी। एक ही छत के नीचे शासन की योजनाओं से संबंधित ग्रामीणों को बहुत सी सुविधाएं और जानकारी उपलब्ध हो सकेंगे लेकिन लक्ष्मीपुर ब्लॉक में उदासीन अधिकारियों की लापरवाही के चलते कई गांवों का विकास अवरुद्ध पड़ा हुआ है। 

मल्हनी फुलवरिया गांव में बदहाल पंचायत भवन

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मल्हनी फुलवरिया का पंचायत भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। कमरों से दरवाजे और खिड़की तक गायब हैं। मेज, कुर्सियां, CCTV कैमरा, कम्प्यूटर, सब लापता हैं। गांव के जानवर पंचायत भवन में शौच करके चले जाते हैं। पंचायत भवन के शौचालय के टॉयलेट में ईट ठूँसा गया है।

इस बारे में जब डाइनामाइट न्यूज़ ने प्रधान प्रतिनिधि धर्मेंद्र से बात की तो उन्होने ने बताया कि ग्राम सचिव हेमंत कुमार यहीं आकर बैठते थे। अभी फ़िलहाल घर से काम हो रहा। सचिव साहब से कई बार सुन्दरीकरण के लिए कहा गया लेकिन वो कोई ध्यान नहीं देते हैं।

बदतर स्थिति में पड़ा शौचालय

पंचवर्षीय कार्यकाल बीतने को है लेकिन भोतहा पंचायत भवन के दरवाज़े, खिडकियां अभी तक नहीं लग सके। बाहर से सचिव के नाम की पेंटिंग हो चुकी है लेकिन अंदर पंचायत भवन के किसी भी सामग्री का कोई अता पता नहीं है।

दोनों ग्रामसभाओं के ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को बताया कि सचिव साहब कभी गांव में आते ही नहीं, जिस कारण शासन की योजनाओं जैसे आवास, पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र आदि दस्तावेजों के लिए ब्लाक जाना पड़ता है। अगर गांव में पंचायत भवन होती तो सचिव यहां बैठते और सरकारी योजनाओं के बारे में हमें जानकारी मिलती।

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