Vastu Tips: अगर बच्चों का पढ़ाई में नहीं लगता मन! तो अपनाएं ये उपाय, जल्द दिखेगा फर्क

आज के समय में हर माता-पिता की यह चाहत होती है कि उनके बच्चे पढ़ाई में मन लगाकर अच्छा प्रदर्शन करें। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बच्चों का ध्यान पढ़ाई से भटकता रहता है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 April 2025, 11:49 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: उन्हें पढ़ाई में रुचि नहीं आती और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं—जैसे मोबाइल की लत, दोस्ती का असर या मानसिक तनाव। हालांकि, कई बार इसके पीछे वास्तु दोष भी एक अहम कारण हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर बच्चों का स्टडी रूम सही दिशा में नहीं है या वहां की ऊर्जा सही तरीके से प्रवाहित नहीं हो रही, तो इसका असर उनके मन-मस्तिष्क पर पड़ता है। ऐसे में कुछ आसान और प्रभावी वास्तु उपाय अपनाकर बच्चों की पढ़ाई में सुधार लाया जा सकता है।

पढ़ाई की दिशा का रखें विशेष ध्यान

वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों को पढ़ाई करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। यह दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। जिससे एकाग्रता बढ़ती है और याददाश्त भी तेज होती है। दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके पढ़ना बच्चों के मन को भटका सकता है।

स्टडी टेबल का स्थान और डिजाइन

बच्चों की पढ़ाई की मेज ऐसी होनी चाहिए जो दीवार से कुछ दूरी पर रखी हो। टेबल के सामने कोई खिड़की या खुली जगह हो, तो वह बेहतर माना जाता है, क्योंकि इससे मन को शांति मिलती है। साथ ही टेबल पर अनावश्यक सामान न रखें—केवल ज़रूरी किताबें, पेन स्टैंड और एक टेबल लैंप रखें। टेबल हमेशा साफ और व्यवस्थित होनी चाहिए।

दीवारों का रंग भी डालता है असर

स्टडी रूम की दीवारों का रंग हल्का और शांतिप्रद होना चाहिए। हल्का नीला, हरा या क्रीम कलर पढ़ाई के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। गहरे रंग या अत्यधिक डिजाइनदार वॉलपेपर बच्चों के ध्यान को भटका सकते हैं।

मोटिवेशनल पोस्टर या तस्वीरें लगाएं

बच्चों के स्टडी रूम में मोटिवेशनल कोट्स या प्रेरणादायक व्यक्तित्वों की तस्वीरें लगाना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और पढ़ाई के प्रति रुझान भी।

वास्तु दोष के लिए क्रिस्टल या पिरामिड का प्रयोग

अगर स्टडी रूम में वास्तु दोष है, तो वहां क्रिस्टल बॉल या एजुकेशन पिरामिड रखने से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

मोबाइल और गैजेट्स से बनाएं दूरी

पढ़ाई के समय बच्चों के पास मोबाइल, टीवी या गेमिंग डिवाइस न हों। इन चीजों से बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटता है। स्टडी एरिया को टेक्नोलॉजी-फ्री ज़ोन बनाना बहुत जरूरी है।