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UP News: सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैं डॉक्टर बनना चाहती थी… मम्मी-पापा मुझे माफ करना’, जानिए छात्रा ने क्यों दी जान?

यूपी के प्रयागराज से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल के हॉस्टल में नर्सिंग छात्रा ने खुदकुशी कर ली। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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UP News: सुसाइड नोट में लिखा, ‘मैं डॉक्टर बनना चाहती थी… मम्मी-पापा मुझे माफ करना’, जानिए छात्रा ने क्यों दी जान?

प्रयागराज: कौशाम्बी की रहने वाली जीएनएम(जनरल नर्सिंग ऐंड मिडवाइफ़री) प्रथम वर्ष की छात्रा ने बुधवार सुबह प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल के हॉस्टल में खुदकुशी कर ली। खुदकुशी से पहले उसने सुसाइड नोट भी लिखा। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार, प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल स्थित नर्सिंग हॉस्टल में बुधवार सुबह जीएनएम प्रथम वर्ष की छात्रा प्रीति सरोज (20) ने पंखे पर फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि कान और शरीर की खुजली की बीमारी से तंग आ चुकी हूं… भगवान ने बहुत दुख दिया है, इसलिए मौत को गले लगा रही हूं। 

प्रीति सरोज नर्सिंग हॉस्टल में रहकर जीएनएम की पढ़ाई कर रही थी। कमरे में कुल छह छात्राएं रहती थीं। इनमें चार छात्राएं महाशिवरात्रि पर मंदिर चली गईं थीं। एक सहेली साथ थी। सहेली के मुताबिक, सुबह करीब 10 बजे प्रीति ने उससे कहा कि पूरे शरीर में खुजली की दवा लगानी है। तुम थोड़ी देर के लिए बाहर चली जाओ। इस पर वह छत पर कपड़ा फैलाने चली गई। 

जब वह करीब 15 बाद लौटी तो दरवाजा अंदर से बंद था। आवाज लगाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो सहेलियों और हॉस्टल प्रबंधन को सूचना दी। सबके धक्का लगाने पर खुला तो प्रीति पंखे पर नायलॉन की रस्सी से लटकी हुई थी। यह देख सभी के होश गए।

कोतवाली थाना प्रभारी रोहित तिवारी के मुताबिक, प्रीति के नोटबुक में आधे पेज का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें लिखा है कि, मैं डॉक्टर बनना चाहती थी। लेकिन, मेरा सपना अधूरा रह गया। मैं बहुत परेशान होकर सुसाइड करने जा रही हूं। कान की बीमारी से परेशान हूं… सुनने में तकलीफ होती है। पूरे शरीर में खुजली रहती है। इसे अब और नहीं झेल सकती। … मम्मी-पापा मुझे माफ कर देना।

प्रीति के राजमिस्त्री पिता शत्रुघन सरोज अपनी पत्नी के साथ एसआरएन पहुंचे। यहां आए तो मौत की बात सुन चीख पड़े। प्रीति का शव देख मां शांति देवी फफक पड़ीं। बोलीं, कहती थी गरीबी से लड़ना सीखो… खुद ही हार गई। पिता शत्रुघन ने बताया कि उनका परिवार बेहद गरीब है। जैसे-तैसे बेटी को पढ़ा रहे थे।

कोतवाली थाना प्रभारी रोहित तिवारी ने बताया घटना के हर पहलू की जांच की जा रही है। 

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