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यूपी उपचुनाव: मीरापुर सीट पर किसका पलड़ा भारी, किसकी तरफ जाएंगे मुस्लिम वोटर?

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की मीरापुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुस्लिम समाज पर सभी की नजरें टिकी हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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यूपी उपचुनाव: मीरापुर सीट पर किसका पलड़ा भारी, किसकी तरफ जाएंगे मुस्लिम वोटर?

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की मीरापुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुस्लिम समाज पर सभी की नजरें टिकी हैं। क्योंकि 2013 दंगे के बाद से देखने को मिला है कि मुस्लिम समाज चुनाव के आखिरी समय में एकजुट होकर एक तरफा अपना मतदान करता है। ऐसे में चाहे विधानसभा चुनाव रहे हों या लोकसभा चुनाव और फिर उपचुनाव। इन सभी चुनावों में मुस्लिम समाज का एक तरफा समाजवादी पार्टी की तरफ ही रुख देखने को मिला है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मीरापुर विधानसभा सीट पर तकरीबन 3 लाख 25 हज़ार के करीब मतदाता हैं, जिसमें से लगभग 1लाख 30 हज़ार मुस्लिम वोटर हैं. इस चुनाव में एनडीए से लोकदल प्रत्याशी मिथलेश पाल को छोड़कर सभी पार्टियों ने मुस्लिम प्रत्याशी अपने मैदान में उतरे हैं। उसमें चाहे समाजवादी पार्टी, आजाद समाज पार्टी, बहुजन समाज पार्टी , एआईएमआईएम।

जानकारों की मानें तो जब तक चुनाव नजदीक नहीं आता, तब तक मुस्लिम समाज बिखरा हुआ दिखाई देगा, जिसमें कोई आजाद समाज पार्टी की तरफ दिखेगा तो कोई बहुजन समाज पार्टी की तरफ नजर आएगा। लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जाएगा वैसे-वैसे मुस्लिम समाज एकजुट होकर समाजवादी पार्टी की तरफ खड़ा दिखाई देगा। राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि यह ध्रुवीकरण का चुनाव है, जिसके चलते आखिरी में यह चुनाव हिंदू मुस्लिम देखने को मिलेगा और इस चुनाव में फाइट भी सिर्फ और सिर्फ लोकदल की प्रत्याशी मिथलेश पाल और समाजवादी पार्टी की सुम्बुल राणा में ही देखने को मिलेगी। 

बताया जा रहा है कि मीरापुर के उपचुनाव में इस बार राष्ट्रीय लोकदल की साख भी दाव पर लगी है क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन था इसलिए इस सीट से राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी चंदन सिंह चौहान ने आसानी से जीत हासिल कर ली थी लेकिन इस बार राष्ट्रीय लोक दल एनडीए का हिस्सा है तो यह देखने वाली बात होगी कि क्या यहां का मुस्लिम समाज राष्ट्रीय लोक दल पर भरोसा करता है या फिर अपनी रहनुमा पार्टी समाजवादी पार्टी की तरफ ही अपना रुख करेगा।

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