नई दिल्ली: 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर शुरु होगा। यह लगभग 2 घंटे 30 मिनट का होगा और इसके मोक्ष का समय दोपहर 3 बजकर 14 मिनट का होगा। यह कहना है देश के प्रमुख ज्योतिषी डा. शंकर चरण त्रिपाठी का।
डा. त्रिपाठी के मुताबिक यह ग्रहण चन्द्रमा के मिथुन एवं आद्रा नक्षत्र पर भारत के उत्तरी भाग में दृश्य है। यह वैश्विक समुद्र, चीनी समुद्र को विचलित करेगा। इससे भारत का उत्तरी भू-भाग प्रभावित होगा।
भारत पर राजनीतिक असर
यह सूर्य ग्रहण भारत के राजनीतिक लिहाज से काफी मायने रखता है। डा. त्रिपाठी के अनुसार सूर्य को राजा कहा गया है। इस ग्रहण के प्रभाव से भारत के राजा यानि प्रधानमंत्री और पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे समुद्री राज्यों के किनारे के मुख्यमंत्री इससे बुरी तरह प्रभावित होंगे।
इन दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री बदलने के आसार हैं। भारत का राजा जनता के आक्रोश से असंतुष्ट होने तथा अपनी असफलताओं से दुखी रहेंगे। महामारी का प्रकोप कम होगा। दुनिया में युद्ध जैसी स्थिति बनेगी। चीन पर विशेष प्रभाव होने से भारत के पड़ोस में भारत के पहाड़ी इलाकों में भयंकर विस्फोट होगा।