Site icon Hindi Dynamite News

सुप्रीम कोर्ट ने सात लोगों की हत्याओं के दोषी को रिहा करने का दिया आदेश, जानिये 28 साल पुराना पूरा मामला

उच्चतम न्यायालय ने 1994 में पुणे में पांच महिलाओं और दो बच्चों की हत्या करने के दोष में मौत की सजा पाने वाले एक व्यक्ति को रिहा करने का आदेश दिया है क्योंकि शीर्ष अदालत ने पाया कि अपराध के वक्त दोषी व्यक्ति नाबालिग था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
सुप्रीम कोर्ट ने सात लोगों की हत्याओं के दोषी को रिहा करने का दिया आदेश, जानिये 28 साल पुराना पूरा मामला

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 1994 में पुणे में पांच महिलाओं और दो बच्चों की हत्या करने के दोष में मौत की सजा पाने वाले एक व्यक्ति को  रिहा करने का आदेश दिया है क्योंकि शीर्ष अदालत ने पाया कि अपराध के वक्त दोषी व्यक्ति नाबालिग था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि यह अदालत जांच करने वाले न्यायाधीश (इंक्वायरिंग जज) की रिपोर्ट को स्वीकार करती है, इसमें दोषी नारायण चेतनराम चौधरी के अपराध के वक्त किशोर (नाबालिग) होने के दावे की जांच की गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम घोषित करते हुए कि राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय, बीकानेर द्वारा 30 जनवरी, 2019 को जारी प्रमाणपत्र में लिखी जन्म तिथि… को यह तय करने के लिए स्वीकार किया जाता है कि अपराध के वक्त उसकी उम्र 12 साल थी।’’

पीठ ने कहा कि प्रमाणपत्र के हिसाब से अपराध के वक्त उसकी उम्र 12 साल छह महीने थी और ‘‘इसलिए जिस अपराध के लिए उसे दोषी ठहराया गया है, उस दिन वह बालक/किशोर था। इसे सही उम्र माना जाए, जिसके खिलाफ नारायण राम के रूप में मुकदमा चला और उसे दोषी ठहराया गया।’’

पीठ ने कहा कि चूंकि वह तीन साल से ज्यादा का कैद भुगत चुका है और अपराध जिस वक्त हुआ वह 2015 के कानून के तहत आता है, उसे मौत की सजा नहीं दी जा सकती है।

Exit mobile version