पेट संबंधी रोग के लिए वरदान है ये हरी सब्जी, रखती कई बीमारियों को दूर, पढ़ें खास रिपोर्ट

अनुसंधानकर्ताओं ने उस प्रक्रिया का खुलासा किया है जिसकी मदद से ब्रोकोली छोटी आंत की परत की सुरक्षा में मदद करती है और चूहों में रोग पनपने की संभावना रोकती है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 8 April 2023, 5:48 PM IST

नयी दिल्ली: अनुसंधानकर्ताओं ने उस प्रक्रिया का खुलासा किया है जिसकी मदद से ब्रोकोली छोटी आंत की परत की सुरक्षा में मदद करती है और चूहों में रोग पनपने की संभावना रोकती है।

अमेरिका में पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी ने इस बात के ठोस सबूत पेश किए हैं कि क्यों ब्रोकोली, पत्ता गोभी और अंकुरित ब्रसेल्स (गोभी के जेमीफेरा कल्टीवेर समूह का एक सदस्य) जैसी सब्जियां सामान्य सेहतमंद भोजन का हिस्सा होने चाहिए।

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, उन्होंने पाया कि ब्रोक्रोली में जो अणु होते हैं उन्हें ‘एरिल हाइड्रोकार्बन रिसेप्टर लिगैंड्स’ कहते हैं और ये अणु प्रोटीन के एक किस्म एरिल हाइड्रोकार्बन रिसेप्टर (एएचआर) को छोटी आंत की परत पर जोड़ते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि छोटी आंत की परत पर इस प्रक्रिया से कई गतिविधियां शुरू होती हैं जो आंत की कोशिकाओं की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं।

ये निष्कर्ष ‘लेबोरेटरी इन्वेस्टिगेशन’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं।

आंतों की परत पर मौजूद कुछ निश्चित कोशिकाएं या आंत्र कोशिकाएं फायदेमंद जल और पोषक तत्वों को शरीर के अंदर जाने देने में मदद करती हैं और हानिकारक कणों एवं बैक्टीरिया को उसमें प्रवेश से रोकती हैं जिससे संतुलन बना रहता है। इन कोशिकाओं में ‘एंटरोसाइट्स’ होते हैं जो जल एवं पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं।

अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने चूहों के एक समूह पर यह प्रयोग किया और उन्हें 15 प्रतिशत ब्रोकोली खिलायी जो मानव के लिए प्रतिदिन 3.5 ग्राम के बराबर है। उन्होंने चूहों के एक समूह को ब्रोकोली रहित सामान्य भोजन दिया।

उन्होंने पाया कि जिन चूहों को ब्रोकोली नहीं दी गई थी उनमें एएचआर की गतिविधि कम पाई गई थी।

अध्ययन के लेखक गैरी पेरड्यू ने कहा, ‘‘हमारे अनुसंधान से पता चलता है कि ब्रोकोली और एएचआर लिगैंड्स से युक्त इस तरह के खाद्य पदार्थों को प्राकृतिक स्रोतों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और लिगैंड्स से भरपूर ये आहार छोटी आंत के लचीलेपन में योगदान करते हैं।’’

Published : 
  • 8 April 2023, 5:48 PM IST