Site icon Hindi Dynamite News

दिल्ली हाई कोर्ट से बेटी के विवाह के लिए PFI समन्वयक को छह घंटे की कस्टडी पैरोल

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवाद रोधी कानून ‘गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के राष्ट्रीय समन्वयक इब्राहिम पुथनथानी को उसकी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए बुधवार को छह घंटे की ‘कस्टडी पैरोल’ की अनुमति दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
दिल्ली हाई कोर्ट से बेटी के विवाह के लिए PFI समन्वयक को छह घंटे की कस्टडी पैरोल

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवाद रोधी कानून ‘गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के राष्ट्रीय समन्वयक इब्राहिम पुथनथानी को उसकी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए बुधवार को छह घंटे की ‘कस्टडी पैरोल’ की अनुमति दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुथनथानी ने 24 मई को निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था जिसने उसे चार घंटे की ‘कस्टडी पैरोल’ की अनुमति दी थी।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह और न्यायमूर्ति विकास महाजन की अवकाशकालीन पीठ ने पुथनथानी को केरल में 18 जून को आयोजित हो रहे विवाह समारोह में शामिल होने के लिए छह घंटे की ‘कस्टडी पैरोल’ की अनुमति दी।

पुथनथानी के वकील ने उच्च न्यायालय से उसे 30 दिन की अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया था और कहा था कि वह मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकता है क्योंकि उसके ऊपर बेटी की शादी को पूरा करने की जिम्मेदारियां हैं और इसलिए वह ऐसे मौके पर देश से भागने का जोखिम नहीं ले सकता।

पीठ ने कहा, ‘‘हम ‘कस्टडी पैरोल को चार घंटे से बढ़ाकर छह घंटे करते हैं।’’

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि लागू नियमों के अनुसार ‘कस्टडी पैरोल’ छह घंटे से अधिक समय के लिए नहीं दी जा सकती ।

पुथनथानी और पीएफआई के कई अन्य नेताओं के खिलाफ मामला भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के इरादे से देश के भीतर और विदेशों से धन जुटाने एवं एकत्रित करने के लिए पीएफआई से जुड़े व्यक्तियों की कथित आपराधिक साजिश से संबंधित है।

एनआईए ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्ति आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने काडर को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण शिविर चलाते थे।

Exit mobile version