नवरात्रि विशेषः जानिये.. शारदीय नवरात्रि का महत्व और पौराणिक इतिहास

शारदीय नवरात्रि इस बार 10 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। जगत जननी मां दुर्गा के भक्तों के लिए इस नवरात्रि का खास महत्व होता है। आखिर क्या है नवरात्रि को मनाने से जुड़ी मान्यता और इससे जुड़े तथ्य.. पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की इस विशेष रिपोर्ट में..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 October 2018, 12:08 PM IST

नई दिल्लीः नवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस बार शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं जो 19 अक्टूबर तक चलेंगे। ये 10 दिन मां के भक्तों के लिए विशेषतौर पर महत्वपूर्ण होते हैं। नवरात्रि से जुड़ी मान्यता और इसे मनाने के पीछे बहुत सी कथाएं है, साथ ही इसका एक लंबा पौराणिक इतिहास रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ पर हम आज इसी की चर्चा कर रहे हैं।  

 नवरात्रि से जुड़े नौ महत्वपूर्ण तथ्य, जिसे जरूर जानना चाहेंगे मां के हर भक्त   

दुर्गा मां (प्रतीकात्मक तस्वीर)

 

1. हिंदू पंचांग के हिसाब से देखे तो अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शारदीय नवरात्रि शुरू होती है। नवरात्रि का अर्थ होता है 'नौ रातें'। नवरात्रि साल में चार बार आती है, इसे पौष, चैत्र, आषाढ़, अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।

2. नवरात्रि के नौ रातों में जिन तीन देवियों- महालक्ष्मी, महासरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है उन्हें नव दुर्गा कहते हैं। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान शक्ति की देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

3. शारदीय नवरात्र को शक्ति की उपासना का पर्व भी कहा जाता है। यह प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है।

4. कहा जाता है कि सबसे पहले भगवान राम ने इस शारदीय नवरात्रि पूजा का की शुरुआत समुद्र तट पर की थी। इसके बाद 10वें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और लंका पर विजय प्राप्त की। तब से ही असत्य पर सत्य, अधर्म पर सत्य का पर्व दशहरा मनाया जाने लगा।   

मां के नौ अलग-अलग रूप (प्रतीकात्मक तस्वीर)

5. नवरात्र के नौ दिनों में आदिशक्ति के हर रूप की अलग-अलग पूजा की जाती है। मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। इसका वाहन सिंह है और कमल पुष्प पर ही मां आसीन होती हैं।

6. इन नौ दिनों में मां के अलग-अलग स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जाती है। पहले दिन घटनस्थापना होती है और मां शैलपुत्री की पूजा होती है।

7. शारदीय नवरात्रि का इसलिए भी महत्व है क्योंकि इस दौरान जातक आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए अनेक व्रत,संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग- साधना आदि करते हैं।

8. शारदीय नवरात्रि में भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी रहने वाले हिंदू समुदाय के मां के भक्त इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।   

9. नवरात्रि के 10 वें दिन कन्या पूजन किया जाता है। इसके बाद ही उपवास खोला जाता है। कन्या पूजन का भी विशेष महत्व माना गया है।

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  • 10 October 2018, 12:08 PM IST