प्रयागराजः कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अभ्यर्थियों ने परीक्षा स्थगित करने की मांग काफी अरसे से शुरू कर रखी है। इसके लिए छात्रों का एक वर्ग हाईकोर्ट भी पहुंचा। एक ट्वीट में अवीनीश पांडेय ने जानकारी दी है कि ” मेरे द्वारा दाखिल जनहित याचिका को माननीय न्यायालय द्वारा यह कहते हुए खारिज कर दिया गया है कि BEO परीक्षा के संबंध में जनहित याचिका का कोई औचित्य नहीं है। ”
अब इतना तो साफ हो गया कि इस परीक्षा को कराने और न कराने के बीच कोर्ट नहीं है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार और लोकसेवा आयोग को तय करना है कि परीक्षा कराई जाय या नहीं। अभी 9 अगस्त को बीएड एंट्रेंस टेस्ट को लखनऊ यूनिवर्सिटी ने सफलता पूर्वक आयोजित किया है।
इस परीक्षा के लिए करीब सवा चार लाख छात्र पंजीकृत थे। परीक्षा प्रदेश के 73 जिलों में हुई। कोरोना काल में भी 84 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति रही। सामान्य दिनों में भी 10 से 15 फीसदी छात्र परीक्षा छोड़ते ही हैं। इसलिए प्रतियोगी छात्रों की उपस्थिति का यह प्रतिशत उत्साहवर्धक है।
कोर्ट द्वारा जनहित याचिका खारिज करना और बीएड एंट्रेंस एग्जाम का सफलतापूर्वक होना संकेत है कि बीईओ की प्रारंभिक परीक्षा अपने निश्चित तारीख पर होगी। लेकिन अंतिम निर्णय लेना तो सरकार के हाथ में है।

