नई दिल्ली: आज गुरुवार से शारदीय नवरात्रे शुरू हो गए हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि रहती है।
शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना के साथ विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा और अनुष्ठान आरंभ होते हैं। नवरात्रि के पहले दिन देवी मां पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नवरात्रि का पहला दिन कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की आराधना का महत्व होता है। नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री का पूजन करते हैं, उन्हें जीवन में स्थिरता और शांति मिलती है। शैलपुत्री मां की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और मनुष्य की भक्ति शक्ति में वृद्धि होती है।
मां के भक्त जब विधि और विधान से उनकी सच्ची उपासना करते हैं तो उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वर्त की सिद्दी के लिए निम्न नियमों का पालन करें।
नवरात्रि पर इन नियमों का पालन करें
1. नवरात्रि पर अखंड ज्योति जरूर जलाएं
2. देवी मां को प्रतिदिन जल अर्पित करें
3. नवरात्रि पर हर रोज जाएं मंदिर
4. नौ दिनों तक देवी दुर्गा की विशेष पूजा और श्रृंगार करें
5. नवरात्रि पर नौ दिनों तक रखें उपवास
6. अष्टमी-नवमी तिथि पर विशेष पूजा और कन्या पूजन करें
7. ब्रह्राचर्य का पालन करें
नवरात्रि पर क्या नहीं करना चाहिए
1- नवरात्रि पर घर में सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए।
2- नवरात्रि पर खाने में मांसाहार, लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
3- नवरात्रि के दिनों में अगर आपने घर में कलश स्थापना किया हुआ है तो घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए।
4- नवरात्रि पर दाढ़ी,नाखून और बाल नहीं कटवाना चाहिए।
5- नवरात्रि पर बेवजह किसी वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहिए।

