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एनसीपी चीफ शरद पवार ने कांग्रेस में इस बड़े नेता के ‘कद’ को लेकर उठाये सवाल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस में पृथ्वीराज चव्हाण के ‘कद’ को लेकर मंगलवार को सवाल उठाया। इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी खड़े करने के लिए राकांपा पर निशाना साधा था।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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एनसीपी चीफ शरद पवार ने कांग्रेस में इस बड़े नेता के ‘कद’ को लेकर उठाये सवाल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस में पृथ्वीराज चव्हाण के ‘कद’ को लेकर मंगलवार को सवाल उठाया। इससे पहले महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी खड़े करने के लिए राकांपा पर निशाना साधा था।

चव्हाण ने इससे पहले पवार के इस दावे को लेकर भी असहमति जताई थी कि 2019 में महा विकास आघाड़ी गठबंधन बनाने को लेकर बातचीत के दौरान कांग्रेस नेतृत्व ने हठी रवैया अपनाया हुआ था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक पवार सतारा में थे, जहां कुछ पत्रकारों ने उनसे चव्हाण की इस कथित टिप्पणी के बारे में सवाल किया कि कर्नाटक में राकांपा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘बी’ टीम है, क्योंकि उसने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़े किए हैं। कर्नाटक में बुधवार को चुनाव होने हैं।

अपने जवाब में पवार ने कहा, “ उन्हें (चव्हाण) देखना चाहिए कि उनकी अपनी पार्टी में उनका क्या कद है… क्या यह ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ है। उनकी पार्टी का कोई भी सहयोगी निजी तौर पर आपको यह बता देगा।”

कर्नाटक में उम्मीदवार खड़े करने का कारण पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राकांपा अपना आधार बढ़ाने के लक्ष्य के साथ दक्षिणी राज्य में प्रवेश करना चाहती है।

उन्होंने कहा, “हमने कर्नाटक में कांग्रेस या अन्य सहयोगियों के साथ कोई चर्चा नहीं की, क्योंकि हम शून्य से शुरुआत करना चाहते थे।”

पवार ने कहा कि उनकी पार्टी कर्नाटक में सीमित सीट पर चुनाव लड़ रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि इससे कांग्रेस की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े।

कर्नाटक चुनाव के दौरान कुछ राजनीतिक नेताओं की ओर से “बजरंगबली की जय” जैसे नारे लगाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने दावा किया कि जाति और धर्म के नाम पर वोट मांगना जन प्रतिनिधि चुने जाने के बाद ली गई शपथ का उल्लंघन है, क्योंकि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र शपथ के अहम शब्द हैं।

उन्होंने कहा, “ मैं हैरान हूं कि देश के प्रधानमंत्री ने लोगों के सामने इस तरह का रुख रखा। आपको (सरकार को) मुझे बताना चाहिए कि आपने पिछले पांच साल में क्या किया, क्योंकि सत्ता आपके हाथों में थी। हर जगह लोग 40 प्रतिशत कमीशन के बारे में बात कर रहे हैं।”

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