Site icon Hindi Dynamite News

Manipur Violence: विस्थापितों और शरणार्थियों के आठ हजार से अधिक बच्चों की जानिये कहां हो रही पढ़ाई

म्यांमा और बांग्लादेश के शरणार्थियों और हिंसाग्रस्त मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) के आठ हजार से अधिक बच्चे मिजोरम के स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Manipur Violence: विस्थापितों और शरणार्थियों के आठ हजार से अधिक बच्चों की जानिये कहां हो रही पढ़ाई

आइजोल:  म्यांमा और बांग्लादेश के शरणार्थियों और हिंसाग्रस्त मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) के आठ हजार से अधिक बच्चे मिजोरम के स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मिजोरम के स्कूल शिक्षा मंत्री लालचंदामा राल्ते ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन अध्ययनरत 8,119 बच्चों में से 6,366 छात्र म्यांमा से, 250 बांग्लादेश से और 1,503 छात्र मणिपुर से हैं।

राल्ते ने बताया कि इन छात्रों को स्थानीय विद्यार्थियों की तरह ही स्कूल की मुफ्त वर्दी, पुस्तकें तथा मध्याह्न भोजन मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मिजोरम सरकार जो जनजातियों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘मिजोरम सरकार दुनिया भर की जो जनजातियों को एक ही मानती है। हमारा यह सिद्धांत शिक्षा क्षेत्र में भी नजर आता है। सरकार जरूरतमंदों को न केवल आश्रय प्रदान करती है, बल्कि शिक्षा भी मुहैया कराती है।’’

उन्होंने कहा कि 44 शरणार्थी बच्चों ने 2022 में दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए पंजीकरण कराया था। इनमें से 31 छात्रों ने परीक्षा दी तथा 28 छात्रों ने 90.32 प्रतिशत अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की।

म्यांमा और बांग्लादेश से कुकी-चिन समुदाय के हजारों शरणार्थियों ने मिजोरम में शरण ली है। म्यांमा में फरवरी 2021 में तख्ता पलट होने के बाद वहां से, खास तौर पर वहां के चिन राज्य से बड़ी संख्या में नागरिक आए और मिजोरम में शरण ली। बांग्लादेश में पिछले साल एक जातीय उग्रवादी समूह के खिलाफ सैन्य अभियान के बाद चटगांव हिल ट्रैक्ट (सीएचटी) से कई लोग मिजोरम पहुंचे।

मेइती समुदाय के साथ मई में संघर्ष होने तथा जातीय हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर से आंतरिक रूप से विस्थापित कुकी समुदाय के कई लोगों ने भी मिजोरम में ही शरण ली है।

Exit mobile version