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महराजगंज: सांसद पंकज चौधरी के लिए बुरी खबर, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान भाजपा छोड़ने की तैयारी में

डाइनामाइट न्यूज़ पर इस समय महराजगंज जिले की राजनीति से जुड़ी सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है। जिला पंचायत में दो साल पहले 13 करोड़ रुपये के सरकारी टेंडर को लेकर शुरु हुई कलह एक नये अंजाम तक पहुंचती दिख रही है। उत्पीड़न और जिला पंचायत में हस्तक्षेप से आजिज आकर सांसद पंकज चौधरी के बेहद खास जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान ने अब बगावत का मन बना लिया है। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: सांसद पंकज चौधरी के लिए बुरी खबर, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान भाजपा छोड़ने की तैयारी में

लखनऊ: जिला पंचायत महराजगंज में 13 करोड़ रुपये के सरकारी टेंडर को अपने मनचाहे ठेकेदारों को बांटने से नाराज होकर दो साल पहले भाजपा सांसद पंकज चौधरी के खिलाफ जबरदस्त विद्रोह करने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान ने आखिरकार बागी होने का मन बना लिया है। इससे महराजगंज जिला पंचायत में पिछले ढ़ाई दशक से राज करने वाले सांसद पंकज चौधरी की मुसीबत बढ़ सकती है। 

अंदर की खबर के मुताबिक पंकज इस समय चारों तरफ से चाटुकारों से घिरे हुए हैं और इसी अहंकार की आग में एक के बाद एक नये दुश्मन बनाते जा रहे हैं। पंकज की नीति और रीति से परेशान जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान ने बागी होने का मन बना लिया है। राजनीतिक हलकों में यह खबर पंकज चौधरी के लिए बहुत बड़ा झटका मानी जा रही है। जिला पंचायत महराजगंज भ्रष्टाचार के एक बड़े ज्वालामुखी पर बैठा है और प्रभु दयाल के सीने में कई राज दफन हैं। 

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डाइनामाइट न्यूज़ को मिली बेहद विश्वसनीय खबर के मुताबिक अगले 72 घंटे में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभुदयाल चौहान भारतीय जनता पार्टी को टा-टा-बाय-बाय कह सकते हैं। 

क्यों छोड़ना चाहते हैं प्रभुदयाल भाजपा? 
बात करीब दो साल पुरानी है जब पंकज चौधरी जिला पंचायत के 13 करोड़ के टेंडर को अपने चहेते ठेकेदारों को मनमर्जी से देना चाहते थे तब प्रभुदयाल ने खुली बगावत कर दी थी, उस वक्त सत्ता के दबाव में प्रभुदयाल के रिश्तेदारों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर किसी तरह शांत करा दिया गया था, उस वक्त डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में प्रभुदयाल ने खुलासा किया था कि कैसे उन पर दबाव डाला जा रहा है (देखें वीडियो)

इसके बाद गाहे-बेगाहे प्रभुदयाल को अपमानित करने की हर संभव कोशिश की गयी। अभी साल की शुरुआत में 8 फरवरी को जिले के प्रभारी मंत्री की एक बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रोटोकाल के मुताबिक बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं दी गयी, जब इस पर बैठक में हंगामा मचा तब जाकर, जिला पंचायत अध्यक्ष को उचित कुर्सी दी गयी। (देखें वीडियो)

ये सारी ऐसी बातें हैं जो अंदर ही अंदर प्रभुदयाल के स्वाभिमान पर चोट पहुंचा रही थीं। 

इस बीच अंदर की एक और खबर यह है कि प्रभुदयाल को खोजने और उनकी मान-मनौव्वल की अंदरुनी कोशिश तेज कर दी गयी है लेकिन वे अपना मोबाइल बंद कर अगले लक्ष्य को भेदने में जुट गये हैं। देखना दिलचस्प होगा सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष की यह कलह कहां जाकर समाप्त होती है?

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