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लखनऊ: परिवहन निगम में मनमानी, ड्राइवर-कंडक्टरों से ऑफिसों का काम, संविदा कर्मी चला रहे बसें

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में अफसरों की मनमानी से अपने चहेतों को खूब फायदा पहुंचाया जा रहा है। ड्राइवर-कंडक्टरों से ऑफिसों का काम करवाया जा रहा है और संविदा कर्मी बसें चला रहे हैं। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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लखनऊ: परिवहन निगम में मनमानी, ड्राइवर-कंडक्टरों से ऑफिसों का काम, संविदा कर्मी चला रहे बसें

लखनऊ: जीरो टोलरेंस की बात करने वाली सरकार में यूपी परिवहन निगम में अफसरों की मनमानी चरम पर है। अपने चहेते कर्मचारियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये अफसर नियमों को भी ताक पर रख देते हैं। हजारों रूपये मासिक वेतन लेने वाले ड्राइवरों-कंडक्टरों से वर्कशॉप और दफ्तरों मे ड्यूटी कराई जा रही है और संविदा कर्मियों से डग्गामार बसें चलवाई जा रही है। 

लखनऊ के ही चारबाग डिपो में 50 से ज्यादा ऐसे रनिंग स्टाफ हैं, जिनसे दफ्तरों मे ड्यूटी कराई जा रही है। इससे हर महीने करीब 15 लाख रूपये का नुकसान परिवहन निगम को हो रहा है। जबकि नियमों के मुताबिक ड्राइवर-कंडक्टर से कोई दूसरा काम नही लिया जाना चाहिए। 

इसी अनियमितता को लेकर यूपी सेन्ट्रल रीजनल वर्कशाप कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री जसवंत सिंह ने परिवहन निगम के एमडी राजशेखर को पत्र लिखकर मामले की जांच कराकर दोषी अफसरों पर कारवाई की मांग की है।

एआरएम चारबाग अमरनाथ सहाय पर आरोप लगाते हुये प्रदेश महामंत्री जसवंत सिंह ने बताया की सालों से कर्मचारियों का पटल परिवर्तन नही किया गया है।जबकि समय-समय पर पटल परिवर्तन होने से भ्रष्टाचार की गुजांइश कम रहती है।

एक तरफ संविदा कर्मचारियों को डग्गामार बसें चलाने को मजबूर किया जाता है और अगर वे आनाकानी करें तो उन्हे बैठने को मजबूर किया जाता है।उन्हे समय से वेतन मिल सकें,इस पर किसी का ध्यान नही रहता।चारबाग डिपो की दूसरी अनियमितताओं पर बोलते हुये कहा की डीजल रिकवरी की चार्जशीट फोरमैन से न बनवा कर स्टेशन इंचार्ज से बनवाई जा रही है।जो सीधे-सीधे नियमो का घोर उल्लंघन है।

हालांकि चारबाग डिपो मे व्याप्त अनियमितता से जुङे पत्र का संज्ञान लेते हुये रोडवेज एमडी राजशेखर ने एक जांच कमेटी बना दी है। जो डिपों से जुङी शिकायतों की जांच कर रही है।वहीं जब इस बाबत एआरएम चारबाग अमरनाथ सहाय से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
 

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