लखनऊ: सरकार एक ओर भ्रष्टाचार पर लगाम कस रही है यही वजह है कि कई विभागों के बड़े-बड़े अफसरों को घर भेजा जा रहा है। इस सबके बावजूद सरकार को सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियां अपने कर्मचारियों का ही शोषण करने में जुटी है।
यह कंपनियां सरकार से कर्मचारियों के वेतन-भत्तों के नाम पर तगड़ा पैसा लेती हैं जबकि वह कर्मचारियों को उसका छोटा-सा हिस्सा देकर मोटा मुनाफा कमाती है। वहीं यदि कर्मचारी अपना वेतन बढ़ाने संबंधी बात करता है तो उनका उत्पीड़न किया जाता है।
ताजा मामला सीएम हेल्पलाइन के कर्मचारियों का है। हेल्पलाइन से जुड़ी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को मात्र 6 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता है। वहीं एक साल बीतने पर कुछ राशि बढ़ाकर मामले में इतिश्री कर ली जाती है। इसी कंपनी के कर्मचारियों को सीएम हेल्पलाइन के लिए आउटसोर्स किया जाता है।
गौरतलब है की सीएम हेल्पलाइन का दफ्तर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के सामने लखनऊ के गोमतीनगर मे है। इसका टेंडर मध्य प्रदेश की एक कंपनी स्योरविन लिमिटेड को दिया गया है। जिसके अन्तर्गत 3 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
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इसी कंपनी में काम करने वाली कर्मचारी रूबी सिंह ने बताया कि ऑफिस में कर्मचारियों से गालीगलौज की जाती है। यदि उसका विरोध किया जाए तो पुलिस बुलाकर जेल भेज दिए जाने की धमकी दी जाती है। सभी कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करके जांच करवाकर कार्रवाई करने की मांग की है।