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IAS Coaching Horror: कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद UPSC Aspirants के सामने नया संकट

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे को हुए अभी सिर्फ नौ दिन ही हुए हैं। इसके बीच फस्ट, सेकेंड फ्लोर पर बनी लाइब्रेरी ने अपनी फीस में दोगुनी बढ़ोतरी की है। देखिये डाइनामाइट न्यूज की ग्राउंड जीरो से पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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IAS Coaching Horror: कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद UPSC Aspirants के सामने नया संकट

नई दिल्ली: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे को हुए अभी सिर्फ नौ दिन ही हुए हैं। इसके बीच फस्ट, सेकेंड फ्लोर पर बनी लाइब्रेरी ने अपनी फीस में दोगुनी बढ़ोतरी की है। ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल में हादसे के बाद सरकार और एजेंसियां कार्रवाई की बात तो कर रही हैं, लेकिन इसका असर कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी पर दिखाई नहीं दे रहा है।

अब हादसे के बाद छात्र पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी में जा रहे हैं तो उनसे दोगुना तक फीस मांगी जा रही है। छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी है, लेकिन मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है।

राव आईएएस स्टडी सर्किल में तीन छात्रों की डूबकर मौत के बाद दिल्ली नगर निगम ने एक के बाद कार्रवाई की है। बेसमेंट में चल रहे सभी पुस्तकालयों को सील कर दिया गया है। पुस्तकालय संचालकों ने छात्रों को सामान उठाने के लिए कहा है। 16 जून को हुई प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम जारी हो चुके हैं। 20 सितंबर को मख्य परीक्षा आयोजित होनी है। अब छात्रों को पढ़ाई की चिंता सता रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने ग्रांउड जीरो पर जाकर छात्रों से बात की और मामले की सच्चाई जानने के लिए जब हमने छात्र से बात की, एक छात्र ने बताया, ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में 80 प्रतिशत लाइब्रेरी बेसमेंट में थे। अब जो लाइब्रेरी पहले, दूसरे या तीसरे मंजिलो पर स्थित हैं, उनके संचालक मनमानी पर उतारू हो गए हैं। धरना स्थल के सामने स्थित एक पुस्तकालय, जिसकी फीस 2700 रुपये थी। अब 18 घंटे के लिए महीने का 3500 रुपये शुल्क मांगे जा रहे है। अगर 24 घंटे के लिए छात्र लाइब्रेरी में पंजीकरण कराना चाहता है तो उससे 5-6 हजार रुपये मांगें जा रहे हैं।

छात्रों ने कहा, विद्यार्थियों की जान गई है और वे व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं, लेकिन इसकी कीमत उन्हें ही चुकानी पड़ रही है। अब उनसे लाइब्रेरी के लिए अधिक फीस मांगी जा रही है और वे चाहकर कुछ नहीं कर सकते। उन्हें पढ़ना है तो बढ़ी फीस देनी ही होगी।

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