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महराजगंज में लंगूर का आतंक दूसरे दिन भी जारी, उत्पात जानकर आप भी होंगे हैरान

महराजगंज चौक पर लंगूर बंदर के अनोखे कारनामे चर्चा में बने हुए हैं। सोमवार को तब हद ही हो गई जब दो ट्राली वालों को इसने करारे तमाचे जड़ दिए। पढें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज में लंगूर का आतंक दूसरे दिन भी जारी, उत्पात जानकर आप भी होंगे हैरान

महराजगंजः जनपद के मुख्य चौराहे पर कल रविवार को लंगूर बंदर का आतंक दिखाई दिया था। सोमवार को भी लंगूर का आतंक नहीं थमा। लंगूर कई दुकानों पर पहुंचा। हद तो तब हो गई जब दो ट्राली चालक को लंगूर ने खिन्न होकर करारे तमाचे जड़ दिए। 

पूरा मामला जानें  
कुछ स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि लगता है कि ट्राली वाले ने इसके बच्चे को मार दिया होगा तभी यह उनसे खिन्न है। नागरिकों (Citizens) ने यह भी कहा कि बंदर दुकानों में सामान को क्षति नहीं पहुंचा रहा है। बस इसे शीशा देखना काफी पसंद है। बहरहाल जो भी इस लंगूर के अनोखे कारनामे को लेकर दो दिनों से नगर में चर्चा बनी हुई है। 

गुमटी की थी तलाश 
कल रविवार को लंगूर बंदर एक पान की दुकान पर पहुंचा था। गुमटी में घुसकर घड़ी और शीशा भी देखा। आज यह गुमटी पूरे दिन बंद रही। लंगूर इस दुकान की तलाश गुमटी के आसपास घूमकर करता दिखाई दिया। बडे दुकानदारों (Shopkeepers) ने दुकान की आधी शटर खोली जबकि कुछ ने अपनी दुकानें सोमवार को बंद रखी। 

जलकल के पास हुआ हादसा
कुछ दिनों पूर्व जलकल विभाग की सड़क के पास एक ट्राली से दबकर एक बंदर की मौत हो गई थी। लोगों का कहना है कि तबसे यह बंदर ट्राली वालों को अपना निशाना बना रहा है। 

यह हो चुकी घटनाएं
बुजुर्ग एक व्यक्ति ने बताया कि नोनापार के आगे भरहु चोका गांव में करीब 30 वर्ष पूर्व खेतों में एक बंदर उत्पात मचा रहा था। दो दिनों तक उत्पात से आजिज आकर एक व्यक्ति ने बंदूर से इसे मार दिया। जिसके कुछ दिनों बाद यहां भंवर, आंधी तूफान की घटनाएं हुई थी जो लोगों को आज भी याद हैं। 

समूह से बिछड़ा 
लंगूर बंदर पिछले दो दिनों से चौराहे के आसपास अपने बिछड़े साथियों की तलाश में जुटा है। मुख्य चौक से फरेंदा मार्ग, बस स्टेशन मार्ग, गोरखपुर मार्ग पर इसकी चहलकदमी दो दिनों से बनी हुई है। लेकिन अभी तक इसका कोई साथी इसे दिखाई नहीं दिया। 

तीन बजे फिर आया
11 बजे मुख्य चौराहे से फरेंदा रोड का राउंड लगाने के बाद लंगूर बंदर पोस्ट आफिस, हनुमानगढी घूमकर पुनः तीन बजे फरेंदा रोड पर पुरानी दुकानों में घुसा है। 

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