Site icon Hindi Dynamite News

अतीक अहमद और अशरफ की हिरासत में हत्या संबंधी याचिकाओं पर जानिये क्या बोला सुप्रीम कोर्ट, पढ़ें पूरा अपडेट

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह 14 जुलाई को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिनमें गैंगेस्टर से नेता बने अतीक अहमद और अशरफ की “हिरासत” और “न्यायेतर मौत” के मामलों की जांच के लिये शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित किए जाने की मांग की गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
अतीक अहमद और अशरफ की हिरासत में हत्या संबंधी याचिकाओं पर जानिये क्या बोला सुप्रीम कोर्ट, पढ़ें पूरा अपडेट

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह 14 जुलाई को उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिनमें गैंगेस्टर से नेता बने अतीक अहमद और अशरफ की “हिरासत” और “न्यायेतर मौत” के मामलों की जांच के लिये शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग गठित किए जाने की मांग की गई है।

इन याचिकाओं में अतीक व अशरफ की बहन की याचिका भी शामिल है।

अहमद से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाएं न्यायमूर्ति एस. आर. भट्ट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आईं।

उत्तर प्रदेश की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि राज्य ने शीर्ष अदालत के 28 अप्रैल के आदेश के संदर्भ में एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है, जो वकील विशाल तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया गया था, जिन्होंने अहमद और उनके भाई की हत्या की स्वतंत्र जांच की मांग की है।

मीडिया से बातचीत के दौरान खुद को पत्रकार बताने वाले तीन लोगों ने 15 अप्रैल को अहमद (60) और अशरफ को बहुत करीब से गोली मार दी थी। यह वारदात तब हुई जब पुलिसकर्मी दोनों को प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे।

सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा, “फिलहाल, हम व्यक्तिगत मुद्दों पर गौर नहीं कर रहे हैं। हम प्रणालीगत समस्या पर गौर कर रहे हैं।”

तिवारी ने अपनी याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई “183 पुलिस मुठभेड़ों” की जांच की भी मांग की है। उन्होंने पीठ को बताया कि उन्होंने राज्य द्वारा दाखिल स्थिति रिपोर्ट पर एक संक्षिप्त प्रत्युत्तर तैयार किया है।

उन्होंने दावा किया कि राज्य की स्थिति रिपोर्ट में “भौतिक तथ्य को दबाया गया” था।

अहमद की बहन की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि उन्होंने एक अलग याचिका दायर की है और इसे आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

पीठ ने कहा कि वह इन मामलों पर 14 जुलाई को सुनवाई करेगी।

शीर्ष अदालत में दाखिल अपनी स्थिति रिपोर्ट हलफनामे में, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि राज्य अहमद और अशरफ की मौत की “संपूर्ण, निष्पक्ष और समय पर जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है”।

Exit mobile version