नई दिल्ली: #MeToo अभियान के तहत यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ पत्रकार प्रिया रमानी समेत अन्य महिलाओं के खिलाफ कोर्ट केस करने वाले एमजे अकबर अब इस मामले में 31 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट में अपना बयान रिकॉर्ड करेंगे। एमजे अकबर ने इस चर्चित मामले में आरोपों को निराधार बताते हुए मानहानि का केस दर्ज किया हुआ है, जो #MeToo को लेकर देश का पहला अदालती केस भी है।
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इस मामले में आरोपों के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले एमजे अकबर की ओर से सीनियर वकील गीता लूथरा कोर्ट में उनका पक्ष रख रही हैं। सुनवाई के लिये पहले 16 अक्टूबर की तारीख तय की गयी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे दो दिन के लिए टाल दिया है। अब 31 अक्टूबर को इस मामले में एमजे अकबर का बयान दर्ज किया जायेगा। पटियाला हाउस कोर्ट में स्पेशल जज समर विशाल इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
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कोर्ट में गुरूवार को पहली सुनवाई के दौरान गीता लूथरा ने कहा कि प्रिया रमानी के ट्वीट से एमजे अकबर की प्रतिष्ठा को दाग लगा है। सोशल मीडिया पर प्रिया के ट्वीट के बाद उसे कई लोगों ने रिट्वीट और लाइक किया, जिसके कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। वकील ने कहा कि यह मामला लगभग 20 साल बाद सामने आया है। इन आरोपों के कारण दुनियाभर के अखबारों में यह बात सामने आई औऱ अकबर की छवि खराब हुई।
यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने आखिरकार बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। एमजे अकबर पर लगभग 20 महिलाओं ने सोशल मीडिया पर यौन शोषण के आरोप लगाये हैं।