#MeToo: यौन उत्पीड़न पर Google का कड़ा रुख, 48 कर्मियों की हाथ से गई नौकरी

डीएन ब्यूरो

गूगल ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न मामले में फंसे अपनो 48 कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया है। इन कर्मियों ने गूगल के 13 सीनियर अधिकारी भी शामिल है। इस पूरे प्रकरण में गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने बयान जारी किया है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पड़े गूगल ने अपने किन कर्मियों को नौकरी से निकाला

गूगल CEO सुंदर पिचाई (फाइल फोटो)
गूगल CEO सुंदर पिचाई (फाइल फोटो)


सैन फ्रांसिस्कोः गूगल ने वीरवार को कहा है कि उसने यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे अपने 48 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इन सभी पर दो सालों से यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। नौकरी से निकाले गये इन कर्मियों में 13 वरिष्ठ प्रबंधक भी शामिल हैं। गूगल के मुताबिक उसने अनुचित व्यवहार पर कड़ा रुख अपनाया है।   

यह भी पढ़ेंः इंटरनेट सर्च की धांधलेबाजी में पकड़ा गया Google, लगा 2.7 बिलियन डॉलर का जुर्माना    

 

 

यह भी पढ़ें | Google और अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित, जानिये सम्मान पाकर क्या बोले पिचाई

Google का कार्यालय (फाइल फोटो)

 

इस पूरे मामले में गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुदंर पिचाई ने एक बयान जारी किया है। यह बयान न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के जवाब में आया है। इसमें कहा गया है कि गूगल के एक वरिष्ठ कर्मचारी, एंड्रॉयड का निर्माण करने वाले एंडी रुबिन पर कदाचार के आरोप लगने के बाद उन्हें 9 करोड़ डॉलर का एग्जिट पैकेज देकर कंपनी से हटाया गया। इसमें आगे कहा गया है कि गूगल ने यौन उत्पीड़न के अन्य आरोपों को भी छिपाने के लिये इसी तरह के कार्य किये हैं।       

यह भी पढ़ेंः सिंगापुरः फेसबुक पर फटे झंडे की पोस्ट ले डूबा INDIAN की नौकरी..  

 

यह भी पढ़ें | भारत के ग्लोबल प्रोजेक्ट में अरबों डॉलर निवेश करेगी Google, जानें CEO ने क्या कहा

 

Google  का रिस्पेशन रूम (फाइल फोटो)

 

यह भी पढ़ेंः DN Exclusive: 20 साल का Google कैसे बना दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन.. जाने पूरी कहानी 

 इस खबर पर जब मीडिया ने गूगल से प्रतिक्रिया मांगी तो गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों को एक ई-मेल जारी किया कि पिछले दो सालों में 13 वरिष्ठ प्रबंधकों समेत 48 कर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। इन कर्मियों में से किसी को भी कोई एगिज्ट पैकेज नहीं दिया गया है। इस पूरे प्रकरण में सुंदर पिचाई का कहना है कि हम सुरक्षित एवं समावेशी कार्यस्थल उपलब्ध कराने के लिये बेहद गंभीर है। हाल के वर्षों में हमने कई बदलवा किये हैं जिनमें आधिकारिक पदों पर आसीन लोगों के अनुचित व्यवहार को लेकर इस तरह का सख्त रवैया अपनाया गया है।










संबंधित समाचार