Site icon Hindi Dynamite News

Karnataka Election: कर्नाटक की सत्ता पर काबिज होने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने किया ये बड़ा दावा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एम बी पाटिल ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 130 सीटों के साथ अपने दम पर सत्ता में आएगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Karnataka Election: कर्नाटक की सत्ता पर काबिज होने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने किया ये बड़ा दावा

बबलेश्वर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एम बी पाटिल ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 130 सीटों के साथ अपने दम पर सत्ता में आएगी।

उन्होंने दावा किया कि चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा ‘ऑपरेशन कमल’ कामयाब नहीं हो सकेगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पाटिल ने कांग्रेस में ‘‘अंदरुनी कलह’’ से भी इनकार किया और मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश रखने वाले पार्टी नेताओं का बचाव किया।

पूर्व गृह एवं जल संसाधन मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा के कद्दावर लिंगायत नेता जगदीश शेट्टर और लक्ष्मण सावदी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्हें कभी नजरअंदाज नहीं किया गया और न ही पार्टी में उनकी अहमियत कम हुई है।

पाटिल विजयपुरा जिले के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से एक बबलेश्वर से चुनाव लड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे इस बार ‘ऑपरेशन कमल’ चलाते हैं, तो यह सफल नहीं होगा। भाजपा और जद(एस) दोनों मिलकर भी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं ला पाएंगे। कांग्रेस के लिए जद(एस) से समर्थन लेने का सवाल खड़ा ही नहीं उठता, क्योंकि उसे कम से कम 130 सीटें मिलेंगी।’’

पाटिल ने कहा कि भाजपा कर्नाटक में बहुमत से सत्ता में नहीं आई थी।

उन्होंने कहा कि 2018 में भाजपा ने लिंगायत नेता बी एस येदियुरप्पा को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन तब पार्टी 115 सीट भी नहीं जीत पाई थी और उसे केवल 105 सीटें हासिल हुई थीं।

पाटिल ने आरोप लगाया, ‘‘अब येदियुरपा के बिना भाजपा के अपने दम पर सत्ता में आने का कोई सवाल ही नहीं है। वह पिछली बार ‘ऑपरेशन कमल’ के जरिये हमारे 17 विधायक खरीदकर सत्ता में आई थी। उसने प्रत्येक विधायक पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए। कुल 1,700 करोड़ रुपये खर्च किए गए।’’

पाटिल ने कहा कि इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है कि उन्हें कांग्रेस में किनारे कर दिया गया है, क्योंकि वह चुनाव समिति के अध्यक्ष हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत समुदाय के कद्दावर नेता होने के बावजूद येदियुरप्पा को महज प्रचार समिति का सदस्य बनाया गया है।

मुख्यमंत्री पद के कई दावेदारों के बीच पार्टी में बढ़ते ‘टकराव’ पर उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी कोई बात नहीं है। हर किसी की महत्वाकांक्षा होगी, इसमें कुछ गलत नहीं है। क्या भाजपा नेताओं की महत्वाकांक्षा नहीं होती है?’’

उन्होंने कहा कि सिद्दरमैया, डी के शिवकुमार और एम मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार और योग्य नेता हैं, लेकिन पार्टी आलाकमान इस पर अंतिम फैसला लेगा।

लिंगायत समुदाय के प्रतिष्ठित नेता पाटिल ने 1991 में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था और तिकोता से सफलतापूर्वक विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद, उन्होंने बीजापुर (अब विजयपुरा) से लोकसभा चुनाव लड़ा था और सांसद चुने गए थे।

उन्होंने 2008 में बबलेश्वर से फिर विधानसभा चुनाव लड़ा और तब से वह इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

Exit mobile version