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Joshimath Sinking: NRSC, IIRS सेटेलाइट तस्वीरों के जरिए जोशीमठ संकट का होगा अध्ययन

उत्तराखंड सरकार ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) और देहरादून स्थित भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) से सेटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से जोशीमठ क्षेत्र का अध्ययन करने और फोटो के साथ विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का अनुरोध किया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Joshimath Sinking: NRSC, IIRS सेटेलाइट तस्वीरों के जरिए जोशीमठ संकट का होगा अध्ययन

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) और देहरादून स्थित भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (आईआईआरएस) से सेटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से जोशीमठ क्षेत्र का अध्ययन करने और फोटो के साथ विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का अनुरोध किया है।

इस बीच, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को पुनर्वास के लिए जोशीमठ में कोटि फार्म, पादप संस्थान एवं बागवानी विभाग की जमीन तथा पीपलकोटि के सेमालडाला क्षेत्र की उपयुक्तता का परीक्षण करने को भी कहा गया है।

जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों के दौरे से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लौटकर आने के बाद ये अनुरोध किये गये हैं। धामी ने शनिवार रात को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।

इसके अलावा, आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, रुड़की स्थित राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की स्थित ही वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के निदेशक ने जोशीमठ क्षेत्र का भी विस्तृत सर्वेक्षण एवं अध्ययन किया है तथा वे शीघ्र ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से राहत अभियान तेजी से पूरा करने के लिए नियमों में ढील देने को भी कहा है।

उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के लिए जोशीमठ में आपदा प्रबंधन से जुड़े कार्यों को ही मंजूरी देने के वास्ते एक उच्च-स्तरीय समिति बनायी जाए।

धामी ने चमोली जिले के जिलाधिकारी को 11 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी मंजूर की है।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम तथा गढ़वाल संभाग के आयुक्त सुशील कुमार रविवार से जोशीमठ में ही डेरा डालेंगे।

इस बात के भी निर्देश दिये गये हैं कि जमीन धंसने से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के साथ विकास कार्यों की निगरानी के लिए प्रदेश एवं स्थानीय स्तर पर उच्च-स्तरीय समन्वय समिति बनायी जाए।

बचाव एवं राहत अभियानों में तालमेल के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव राधा रतूरी प्रदेश-स्तरीय समन्वय समिति की अगुवाई करेंगी, जबकि आयुक्त (गढ़वाल) सुशील कुमार स्थानीय स्तर पर पैनल का नेतृत्व करेंगे।

जोशीमठ बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों तथा अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली के लिए प्रवेश द्वार है और इसके सामने बहुत बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई है।

इस हिमालयी शहर के आसपास जिस तरह निर्माण गतिविधियां चल रही थीं, उसके कारण मकानों की हुई खतरनाक स्थिति को लेकर चेतावनी के प्रति राज्य सरकार ने जिस तरह की कथित बेरूखी दिखाई, उसपर लोग अपनी नाराजगी प्रकट कर रहे हैं।

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