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DN Exclusive: रैगिंग के काले खेल में आईटीएम प्रबंधन का फूटा भांडा, कार्यवाही से बचने को रचा नया षड़यंत्र

आये दिन किसी न किसी गलत वजह से चर्चा के केन्द्र में बना रहने वाला महराजगंज जिले का आईटीएम इंजीनियरिंग कालेज का प्रबंध तंत्र रैगिंग के काले खेल में अपने दामन को बचाने के लिए हर गलत हथकंडे अपना रहा है, जिसके चलते वह खुद-ब-खुद बेनकाब हो रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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DN Exclusive: रैगिंग के काले खेल में आईटीएम प्रबंधन का फूटा भांडा, कार्यवाही से बचने को रचा नया षड़यंत्र

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महराजगंज: जिले में कुछ लोगों के एक संगठित समूह के द्वारा केएमसी डिजीटल हास्पीटल, आईटीएम इंजीनियरिंग कालेज और नगर सहकारी बैंक जैसी संस्थायें चलायी जा रही है। आये दिन ये संस्थायें किसी न किसी विवाद का अखाड़ा बन रही हैं। कई बार इन संस्थाओं से जुड़े लोगों के खिलाफ मुकदमे तक दर्ज हो चुके हैं। आये दिन इन संस्थाओं के प्रबंध तंत्र पर लोगों के भयानक उत्पीड़न के आरोप लगते हैं फिर भी पर्दे के पीछे के कुछ सफेदपोशों की वजह से पुलिस प्रशासन प्रबंध तंत्र के रसूख के आगे घुटने टेक दे रहा है। आलम यह है कि बैंक के ग्राहकों/कर्जदारों से वसूली को लेकर मारपीट से लेकर एफआईआर तक हो चुकी है।

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हास्पीटल में सिपाहियों, मरीजों और उनके परिजनों से मारपीट से लेकर डाक्टरों द्वारा गोली चलाने तक के मामले थाने की चौखट पर पहुंच चुके हैं, एफआईआर तक हो चुकी है लेकिन कभी भी पैसे के रसूख के आगे कुछ नहीं बिगड़ा। यही कारण है कि इनका मनोबल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और अब इनकी हरकतें कानून और व्यवस्था के लिए जिले में संकट का एक बड़ा कारण बन रही हैं।

चेहरी स्थित ITM इंजीनियरिंग कालेज पिछले कई दिनों से रैगिंग के कारण विवाद का अड्डा बना हुआ है जब यह मामला डाइनामाइट न्यूज़ पर उछला तो प्रबंध तंत्र ने प्रशासनिक कार्यवाही से बचने के लिए नया दांव खेल सारे मामले को दूसरा मोड़ देने का षड़यंत्र शुरु कर दिया।

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डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त महीने से ही कालेज का माहौल प्रतिबंधित और अपराध की श्रेणी में घोषित रैगिंग के काले दुष्चक्र से गुजर रहा है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में डिप्लोमा सिविल इंजीनियरिंग के दो छात्रों ने एक छात्र पर अभद्र टिप्पणी की। इसके बाद पीड़ित छात्र ने चीफ वार्डेन से इसकी शिकायत की लेकिन कालेज प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की।

करीब एक सप्ताह पहले एक छात्र ने दूसरे छात्र के हास्टल के कमरे में आकर कॉलर पकड़ अभद्रता की, जिसकी सूचना चीफ वार्डेन को फोन पर व मिलकर दी गयी। इसके बावजूद मनबढ़ कालेज प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की।

21 नवंबर की शाम को डिप्लोमा इंजीनियरिंग के फाइनल वर्ष के सीनियर छात्रों के द्वारा D फार्मा प्रथम वर्ष के जूनियर छात्रों पर रैगिंग के तहत अभद्र टिप्पणियां कालेज कैंपस में की गयी। जिस पर जमकर हंगामा मचा, फिर परेशान कालेज के अध्यापकों ने मौके पर पहुंचे सीनियर्स व जूनियर्स को गले मिलवाकर विवाद शांत कराया।

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22 नवंबर को शाम चार बजे के करीब कालेज की छुट्टी हुई, इसके बाद महलगंज चौराहे पर एक मिठाई की दुकान के सामने डिप्लोमा इंजीनियरिंग के सीनियर्स ने फार्मेसी के जूनियर्स को पीटना शुरु कर दिया।

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पिटाई के शिकार बच्चे कालेज आये और पुलिस को खबर की। मौके पर पहुंचे चेहरी पुलिस चौकी के प्रभारी को एक पीड़ित छात्र ने लिखित प्रार्थना पत्र दिया। जिस पर गवाह के हस्ताक्षर भी हैं, इस पर न तो पुलिस ने कोई कार्यवाही की और न ही कालेज के प्रशासन व प्रबंध तंत्र ने।

जानलेवा हमले की तहरीर मिलने के बाद किसको बचाने के लिए पुलिस ने नहीं लिखी एफआईआर?

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पुलिस को दी गयी तहरीर में छात्र ने साफ-साफ शब्दों में लिखा कि उस पर जानलेवा हमला किया गया और इस हमले में उसे गंभीर चोटें आयी हैं। तहरीर मिलने के बाद भी कालेज के प्रबंध तंत्र के दबाव में पुलिस द्वारा पीड़ित छात्र का डाक्टरी मुलाहिजा न कराया जाना और मुकदमा नही पंजीकृत करना कई तरह के सवालों को जन्म दे रहा है। आखिर क्यों पुलिस ने तहरीर नहीं लिखी? पुलिस पर किसका दबाव था कि सड़क पर हुई मारपीट के मामले में लिखित तहरीर (देखें तस्वीर) मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी। जिले का खुफिया तंत्र किसके दबाव में है, क्यों नहीं इसकी सूचना एसपी से लेकर लखनऊ के अभिसूचना मुख्यालय तुरंत भेजी गयी।

अगले दिन सुबह भड़के पीड़ित छात्रों ने गेट के बाहर अपना विरोध शुरु कर दिया और कार्यवाही की मांग पर अड़ गये। (देखें विरोध प्रदर्शन और पीड़ित छात्रों का बयान वीडियो में) फिर मौके पर शहर कोतवाल पहुंचे और इनके हस्तक्षेप के बाद अब तक किसी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं करने वाले कालेज प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा और दोषी पांच छात्रों को निष्काषित करने का ऐलान करना पड़ा। जब इस ऐलान के बारे में कोतवाल ने खुद आंदोलनरत छात्रों को बताया तब जाकर छात्र अपना धरना समाप्त कर वापस लौटे। (देखें शहर कोतवाल का बयान वीडियो में)

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इसके बाद कालेज के मनबढ़ प्रबंध तंत्र का काला चेहरा और षड़यंत्र एक बार फिर सामने आया। देश की राजधानी नई दिल्ली से चलने वाले अंग्रेजी व हिंदी भाषा के राष्ट्रीय न्यूज़ पोर्टल डाइनामाइट न्यूज़ पर आंदोलनरत छात्रों के बयान, शहर कोतवाल से लेकर कालेज के प्रिसिंपल के वीडियो बयान LIVE चलने के बाद महराजगंज से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक के सत्ता प्रतिष्ठान में हंगामा मच गया कि कैसे महराजगंज के एक निजी इंजीनियरिंग कालेज में प्रतिबंधित रैगिंग जैसी अराजक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है।

रैगिंग की खबर को दबाने के लिए पहले तो पांच छात्रों को आनन-फानन में निष्कासित किया गया फिर समूचे प्रकरण को छात्रों के दो गुटों के विवाद में तब्दील करने का नाकाम प्रयास किया गया ताकि बाहर यह संदेश न जाये कि कालेज के अंदर व बाहर सीनियर्स के द्वारा किसी तरह की रैगिंग की जा रही थी।

आईटीएम प्रबंधन के साजिश का भंडाफोड़ करता यह पत्र 

डाइनामाइट न्यूज़ पर खबर वायरल होने के बाद बौखलाये आईटीएम कालेज के प्रबंध तंत्र ने एक साजिश के तहत डाइनामाइट न्यूज़ के खोजी पत्रकारों को दबाव में लेने के नापाक मकसद से एक कुचिल चाल चली और टाइपशुदा एक पत्र पर दबाव बनाकर आंदोलन करने वाले कई छात्रों से जबरन हस्ताक्षर कराये गये कि इस सारे बवाल से कालेज प्रशासन (ITM Group of Institutions) का कोई लेना-देना नहीं है और हम लोगों ने किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं किया और यह सब संस्था को बदनाम करने के लिए डाइनामाइट न्यूज़ के पत्रकारों ने हमें उकसाया। कालेज के प्रबंध तंत्र ने इन छात्रों को धमकाते हुए कहा कि डाइनामाइट न्यूज़ के पत्रकारों ने रैगिंग की खबर प्रकाशित की है, हम इन लोगों को झूठे मुकदमों में पुलिस प्रशासन के सहयोग से फंसायेंगे और इस पत्र पर दस्तखत करो, जब छात्रों ने मना किया कालेज के प्रबंध तंत्र ने उन्हें कालेज से निकालने की धमकी देकर जबरन हस्ताक्षर करा लिये। (देखें एक्सक्लूसिव पत्र)

डाइनामाइट न्यूज़ के साथ बातचीत में इन छात्रों ने आशंका जतायी है कि कालेज के प्रबंध तंत्र को कुछ सफेदपोशों की वजह से गुप्त प्रशासनिक समर्थन हासिल है, यही वजह है कि वे सारे मामले की लीपापोती में जुटे हैं और लंबं समय से ये विवाद चल रहा है और कैंपस के अंदर और बाहर दोनों जगह खुलेआम मारपीट होने और पुलिस को लिखित शिकायती पत्र देने के बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी।

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