क्यों रखते हैं ऱोजे, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं..

रमज़ान का पवित्र महीना रविवार से शुरू होगा। माना जा रहा है कि शनिवार को चांद दिखाई देगा। चांद दिखाई देने पर ही रमज़ान की शुरूआत होती है और चांद दिखने पर ही ईद-उल-फितर मनाया जाता है।

Updated : 27 May 2017, 5:10 PM IST
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नई दिल्ली: इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पवित्र महीना माना गया है। रमजान को अरबी भाषा में 'रमादान' कहते हैं। रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। इस बार पहला रोजा 15 घंटे लंबा होगा। इस साल रमजान 28 मई से शुरू हो रहा है।

सूरज उगने से पहले करते हैं सहरी
रोजेदार सूर्योदय के बाद से लेकर सूरज ढलने तक बिना खाए पिए रहते हैं। रोजेदार सूर्योदय से पहले सहरी करते है यानि कुछ खा लेते हैं और शाम को सूरज ढलने के बाद इफ्तार करके रोजा खोलते हैं। वैसे दुनिया भर में रोजे के घंटों का समय अलग-अलग होता है।

रमजान से जुड़ी मान्यताएं

  • माना जाता है कि रमजान के पाक महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। इसलिए इस माह में किए गए अच्छे कर्मों का फल कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है और ख़ुदा अपने बंदों के अच्छे कामों पर नजर रखता है, उनसे खुश होता है।
  • कहते हैं कि रमजान के पाक महीने में दोजख यानी नर्क के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।
  • माहे रमजान में नफिल नमाजों का सवाब फर्ज के बराबर माना जाता है। पाक रमजान महीने में फर्ज नमाजों का सवाब 70 गुणा बढ़ जाता है।
  • रमजान में रोजा रखा जाता है। रोजेदार भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करते हैं। वे सिर्फ सहरी और इफ्तार ही लेते हैं। रोजेदार को झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौज करना, औरत को बुरी नजर से देखना, खाने को लालच भरी नजरों से देखना मना होता है।
  • रमजान के पाक महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगी जाती है।
  • महीने भर तौबा के साथ इबादतें की जाती हैं। ऐसा करने से इंसान के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं।

रोजेदार इन बातों का रखें ध्यान

रोजे के दौरान खाने का विशेष तौर पर ध्यान रखें। इफ्तार के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि रोजा रखने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। रमजान के महीने में रोजा रखने वाले पुरुषों को 2.5 लीटर और वहीं औरतों को 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। इफ्तार के समय एक साथ ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए। कुछ खाने के बाद ही धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए।

Published : 
  • 27 May 2017, 5:10 PM IST

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