Site icon Hindi Dynamite News

आईएएस के. विजयेंद्र पांडियन के करतूतों की खुली पोल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना, विभागीय कार्रवाई के भी आदेश, जानिये गोरखपुर से जुड़ा पूरा मामला

गोरखपुर के जिलाधिकारी रह चुके 2008 बैच के आईएएस अधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन की करतूतों का काला चिट्ठा खुल गया है। अदालत ने याची को अपराधिक केस में फंसाने के मामले में इस आईएएस अफसर पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
आईएएस के. विजयेंद्र पांडियन के करतूतों की खुली पोल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाया 5 लाख का जुर्माना, विभागीय कार्रवाई के भी आदेश, जानिये गोरखपुर से जुड़ा पूरा मामला

गोरखपुर/प्रयागराज: गोरखपुर के पूर्व जिलाधिकारी और आईएएस अधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन की करतूतों का भांडा आखिरकार फूट गया है। इस अफसर ने गोरखपुर का डीएम रहते हुए एक बंगले को कब्जाने की कोशिश में न केवल हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी की बल्कि याची को सिविल और आपराधिक कार्रवाई के जरिए परेशान भी किया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आईएएस के. विजयेंद्र पांडियन पर उसकी करतूतों के लिये पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह को इस आईएएस के आचरण की जांचकर उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की पीठ ने आईएएस के. विजयेंद्र पांडियन के खिलाफ यह आदेश दिया। कोर्ट ने गोरखपुर, पार्क रोड स्थित बंगला नंबर 5 के मालिक कैलाश जायसवाल की याचिका को स्वीकार करने के बाद यह फैसला सुनाया। 

अदालत ने माना कि आईएएस विजयेंद्र पांडियन ने 2019 में कोर्ट की डिक्री के विपरीत जाकर, कानून हाथ में लेकर, सिविल तथा आपराधिक केस में याची को फंसाकर परेशान किया। मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने तत्कालीन जिलाधिकारी गोरखपुर पर पांच लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। 

कोर्ट ने कहा है कि जिलाधिकारी गोरखपुर ने नियम, कानून का सम्मान न करते हुए याची की वैध जमीन हथियाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया। इसके साथ ही कोर्ट ने तत्कालीन जिलाधिकारी की ओर से याची के खिलाफ की गई कार्रवाई को रद्द कर दिया है।

पेश मामले में 10 अप्रैल 2019 को दर्जन भर पुलिस बल, आधे दर्जन अधिकारी सिविल ड्रेस में याची और गोरखपुर, पार्क रोड स्थित बंगला नंबर 5 के मालिक कैलाश जायसवाल के घर आए और गालियां दीं। साथ ही याची को एनकाउंटर में जान से मारने की धमकी दी गई। घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई। 

इस मामले में जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अपनी कार्रवाई को सही ठहराया। राज्य सरकार ने जिलाधिकारी को फ्रीहोल्ड रद्द करने का केस वापस लेने का आदेश दिया, किंतु कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने हर्जाने का आदेश दिया।

कोर्ट ने कहा, प्राइम लोकेशन की जमीन, जिसका वैध मालिक याची है, को हथियाने के लिए कोर्ट की डिक्री के बावजूद जिलाधिकारी ने सिविल तथा आपराधिक दोनों कार्रवाई कर याची को दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से परेशान किया। कानून का दुरुपयोग किया। ऐसे आचरण को उचित नहीं कहा जा सकता। ऐसी कार्रवाई कर जिलाधिकारी ने खुद को एक्सपोज कर दिया। कोर्ट ने जिलाधिकारी को पांच लाख हर्जाना विधिक सेवा समिति में जमा करने का निर्देश देते हुए उनके खिलाफ जांच कर विभागीय कार्रवाई करने का भी आदेश दिया है।

Exit mobile version