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Fire Accident: स्कूल के परिसर में लगी भीषण आग, धूं-धूंकर जलकर खाक हुआ विद्यालय

शिलांग स्थित खासी जयंतिया प्रेस्बिटेरियन (केजेपी) कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शनिवार देर रात भीषण आग लग जाने से यह धरोहर भवन जलकर खाक हो गया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Fire Accident: स्कूल के परिसर में लगी भीषण आग, धूं-धूंकर जलकर खाक हुआ विद्यालय

शिलांग: शिलांग स्थित खासी जयंतिया प्रेस्बिटेरियन (केजेपी) कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शनिवार देर रात भीषण आग लग जाने से यह धरोहर भवन जलकर खाक हो गया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि 1800 के दशक के अंत में बने इस स्कूल की इमारत के निर्माण में लकड़ी का काफी इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण आग तेजी से फैल गई।

पुलिस के मुताबिक, शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिला है कि आग देर रात लगभग दो बजे लगी।

अधिकारियों ने बताया कि पास की इमारत में रहने वाली सभी छात्राएं सुरक्षित हैं और उन्हें मिशन कंपाउंड क्षेत्र के सामुदायिक सभागार में अस्थायी रूप से ठहराया गया है।

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने स्कूल को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने जलकर खाक हुए 131 साल पुराने स्कूल का दौरा करने के बाद यह घोषणा की।

संगमा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री विकास निधि से यह सुनिश्चित करने के लिए एक करोड़ रुपये जारी कर रहा हूं कि स्कूल की इमारत का फिर से निर्माण किया जा सके। यह तय करना होगा कि स्कूल के पुनर्निर्माण के लिए धन का उपयोग कैसे किया जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने प्रधानाचार्य और प्रबंधन समिति के सदस्यों से मुलाकात की है तथा उन्हें आश्वासन दिया है कि हम मिलकर स्कूल का पुनर्निर्माण करेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, ‘‘यह बहुत ही दुखद और त्रासदीपूर्ण घटना है। इस पुरानी इमारत का नष्ट होना स्कूल, गिरजाघर और पूरे समुदाय का नुकसान है।’’

पुलिस के अनुसार, आग बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियों को भेजा गया।

इस कन्या विद्यालय ने 2017 में अपनी 125वीं वर्षगांठ मनाई थी।

यह स्कूल सोहरा (तत्कालीन चेरापूंजी) के नोंगसावलिया गांव में वेल्श मिशनरी द्वारा स्थापित एक पूर्ववर्ती स्कूल की शाखा था और इसे 1864 में एक पूर्ण स्कूल के रूप में परिवर्तित किया गया था।

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