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भारत और अमेरिका के रिश्ते को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण का बयान, जानिये क्या कहा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत और अमेरिका मजबूत, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण वैश्विक समुदाय की नींव रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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भारत और अमेरिका के रिश्ते को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण का बयान, जानिये क्या कहा

वाशिंगटन: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत और अमेरिका मजबूत, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण वैश्विक समुदाय की नींव रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जब हम विविधता का जश्न मनाते हैं, समावेशिता का जश्न मनाते हैं, तो यह भी अहम है कि ऐसा करते समय हम ढेर सारे सकारात्मक विचार साझा करें।’’

उन्होंने कहा कि आज जब ‘‘हम एकजुटता का जश्न मनाते हैं, तो यही भावना भारत और अमेरिका के संबंधों को नियंत्रित करती है-दो लोकतांत्रिक देशों का सकारात्मक सोच वाला ऐसा रिश्ता, जिसकी अपनी अलग चुनौतियां और अंदरूनी समस्याएं हैं, लेकिन हम उन्हें अपने पर हावी नहीं होने देते।’’

सीतारमण ने देश की विविधता का जश्न मनाने के लिए यहां भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक समारोह में भारतीय-अमेरिकियों से कहा, ‘‘हम साथ हैं और एक मजबूत, शांतिपूर्ण एवं सामंजस्यपूर्ण वैश्विक समुदाय के लिए ठोस नींव रख रहे हैं। मुझे लगता है कि इसलिए अमेरिका में भारतीय समुदाय, भारतीय मूल के लोगों का योगदान अहम है।’’

उन्होंने भारतीय-अमेरिकियों से कहा कि आपने खुद को समेकित किया या आप अपने मूल स्थान को प्यार से याद करते हैं, लेकिन आप आज अमेरिका का हिस्सा हैं और एक बहुत ही गतिशील और मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में भी बिल्कुल ऐसा ही है। वहां विभिन्न धर्मों, विभिन्न समुदायों एवं विभिन्न भाषाओं के लोगों के बीच मतभेद हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत की डिजिटल उपलब्धियों की बात की जाए, तो भारत की अलग-अलग भाषाओं में डिजिटल प्लेटफार्म होना उपलब्धि है।

मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि कई ऐसी बोलियां भी हैं, जो बोली जा सकती है, लेकिन लिखी नहीं जा सकतीं, क्योंकि उनकी लिपि नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अधिकतर (डिजिटल) प्लेटफॉर्म अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध हैं।’’

मंत्री ने कहा कि ये सफलता के माध्यम हैं।

सीतारमण ने कहा कि इसलिए विविधता संबंधी हर मामले को आधुनिक भारत के निर्माण के लिए एक लाभ के रूप में बदल दिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहती हूं कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध और मजबूत हों।’’

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