Site icon Hindi Dynamite News

दिल्ली चिड़ियाघर को विश्वस्तरीय पहचान दिलवाने के लिए प्रयासरत डायरेक्टर रेनू सिंह

एशिया के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक.. दिल्ली चिडियाघर (जू) में इन दिनों कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं, ये बदलाव संभव हुए हैं जू की पहली महिला निदेशक रेनू सिंह के प्रयासों से। डाइनामाइट न्यूज़ ने जू की निदेशक रेनू सिंह से एक्सक्लूसिव बातचीत की और जाना.. जू को लेकर उनकी भावी योजनाओं के बारे में..
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:

नई दिल्ली: मनमोहक फूलों, फव्वारों और लुभावने बागीचों के साथ चारों तरफ फैली हरियाली देखकर ऐसा लगता है कि जैसे दिल्ली के चिड़ियाघर में दुनिया के पशु-पक्षियों ने ही नहीं, बल्कि वसंत ने भी हमेशा के लिये जगह बना ली हो। दिल्ली के जू में पिछले कुछ दिनों से बदलाव की जो बयार देखने को मिल रही है, वह सब संभव हुआ है जू की पहली महिला निदेशक रेनू सिंह के अथक प्रयासों से।

डाइनामाइट न्यूज़ ने दिल्ली जू की निदेशक रेनू सिंह से गुरुवार को एक्सक्लूसिव बातचीत की। राजधानी दिल्ली में स्थित एकमात्र चिड़ियाघर की देश और विदेश में अच्छी खासी पहचान है। यहां पर देश और विदेशों से आए कई जानवर मौजूद हैं। 

कई नयी नयी योजनाओं पर हो रहा है काम

रेनू सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार की मंशा के अनुरुप दिल्ली के चिड़ियाघर को विश्वस्तरीय बनाना मेरी प्राथमिकता है। चिड़ियाघर में कई नये कामों को अंजाम दिया जा रहा है। पर्यटकों के लिये जनसुविधाओं की स्थापना के साथ जू को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना हमारी योजनाओं में सबसे उपर है।

फव्वारा बना आकर्षण का केन्द्र

उन्होंने बताया कि मेन गेट पर हमने शेड लगवाने का काम किया। सैलानियों को भीड़ से बचाने के लिए टिकट वेडिंग मशीनें लगाई गई हैं। हमने पर्यटकों को शीतल जल उपलब्ध करवाने के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की है। चिड़ियाघर मे काफी समय से बंद पड़े फव्वारे को नया रूप देकर आसपास के क्षेत्र को हरा-भरा करके मनमोहक फूलों से सजाया गया है।

विश्वस्तरीय एक्वेरियम की भी है योजना

उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि चिड़ियाघर में एक विशाल एक्वेरियम लगाया जाए जिसे आकर्षण के केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। सैलानियों के बैठने के लिए बेंचों की व्यवस्था करने के लिए भी प्रयास जारी है।

पर्यटकों को बेहतर माहौल देना प्राथमिकता

सबसे बड़ी कोशिश है कि देशी-विदेशी पर्यटकों को यहां बेहतर वातावरण मुहैया कराया जाये ताकि उनकी संख्या में लगातार इजाफा हो।

Exit mobile version