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सतत प्रयासों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु के मामलों में कमी नहीं आ रही: गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें लोगों की मृत्यु पर गंभीर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उनका विभाग सतत प्रयास के बावजूद जानलेवा सड़क हादसों को रोक नहीं पाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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सतत प्रयासों के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु के मामलों में कमी नहीं आ रही: गडकरी

नयी दिल्ली:  केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें लोगों की मृत्यु पर गंभीर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उनका विभाग सतत प्रयास के बावजूद जानलेवा सड़क हादसों को रोक नहीं पाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक गडकरी ने लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कोटागिरि श्रीधर के एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘दुर्भाग्य की बात है कि हम देश में सड़क दुर्घटनाओं को रोक नहीं पा रहे।’’

उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे पर एक तरफ कुछ लोग गति सीमा बढ़ाने की मांग करते हैं और इस संबंध में कानून में ढील का अनुरोध करते हैं, तो कुछ लोग गति सीमा को कम करने का प्रस्ताव देते हैं।

मंत्री ने कहा कि इनके अलावा सर्विस लेन को जोड़ने से भी समस्याएं आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि 2021 में देश में 4,12,432 सड़क दुर्घटनाएं हुईं तो इससे अगले वर्ष ऐसे 4,61,312 मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि इसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

गडकरी ने कहा कि इसी तरह सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामले 2021 में 1,53,972 से बढ़कर 2022 में 1,68,491 हो गए, जिनमें करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि सड़क दुर्घटनाओं से देश की जीडीपी को 3.14 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है। सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इनमें मौत के 67 प्रतिशत मामले 18 से 45 साल के युवाओं के होते हैं।’’

गडकरी ने कहा, ‘‘मुझे बहुत दुख है कि मामले में मेरे विभाग की इस कहानी सफल नहीं है। मैं नौ साल से प्रयासरत हूं, लेकिन हम सड़क दुर्घटनाओं की संख्या और इनमें मौत के मामलों को कम करने की स्थिति में नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह सबसे अधिक मानव व्यवहार की समस्या है और लोगों को इस संबंध में कानूनों का पालन करना होगा और छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होगा।

 

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