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Delhi: पीपीएसी में बढ़ोतरी को लेकर आप और भाजपा के बीच जुबानी जंग, जानिये पूरा मामला

दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) में बढ़ोतरी के लिए केंद्र के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि यह आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और बिजली वितरण कंपनियों के बीच मिलीभगत का नतीजा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Delhi: पीपीएसी में बढ़ोतरी को लेकर आप और भाजपा के बीच जुबानी जंग, जानिये पूरा मामला

नयी दिल्ली: दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने सोमवार को बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) में बढ़ोतरी के लिए केंद्र के 'कुप्रबंधन' को जिम्मेदार ठहराया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि यह आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और बिजली वितरण कंपनियों के बीच 'मिलीभगत' का नतीजा है।

आतिशी ने आरोप लगाया कि एक 'कृत्रिम कमी' के कारण देश में कोयले की कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र बिजली उत्पादन कंपनियों को कम से कम 10 प्रतिशत आयातित कोयला खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है, जो घरेलू कोयले से 10 गुना महंगा है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बिजली खरीद समायोजन शुल्क में बढ़ोतरी के माध्यम से दिल्ली के उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार के कोयला संकट का खामियाजा भुगतने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसकी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी दिल्ली को डीईआरसी (दिल्ली विद्युत नियामक आयोग) द्वारा निर्धारित दरों के मुकाबले 25-50 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी पर बिजली बेच रही है।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार बिजली कंपनियों को 10 प्रतिशत आयातित कोयला खरीदने के लिए क्यों मजबूर कर रही है, जो 10 गुना अधिक महंगा है? क्या भाजपा भी कोयला आयातकों के साथ मिलीभगत कर रही है?’’

उन्होंने दावा किया कि घरेलू कोयले की कीमत 2,000 रुपये प्रति टन है, लेकिन बिजली कंपनियों को 25,000 रुपये प्रति टन पर आयातित कोयला खरीदने के लिए 'मजबूर' किया जा रहा है।

आतिशी ने कहा कि कोयले और प्राकृतिक गैस की कीमतों को नियंत्रित करने में केंद्र की असमर्थता के कारण जुलाई से दिल्ली में बिजली बिल में मामूली बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने कहा कि हालांकि, इससे शून्य बिल वाले उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इसका बोझ दिल्ली सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि पीपीएसी में बढ़ोतरी दिल्ली सरकार और बिजली वितरण कंपनियों के बीच 'मिलीभगत' के कारण हुई है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘जब पूरी केजरीवाल सरकार, खासकर ऊर्जा मंत्री आतिशी, 22 जून को केंद्र द्वारा डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति पर हंगामा कर रही थीं, उसी दिन डीईआरसी के एक सदस्य ने निजी कंपनियों की मांग पर पीपीएसी बढ़ोतरी को हरी झंडी दे दी।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल नवनियुक्त डीईआरसी अध्यक्ष से मुलाकात करेगा और उनसे बढ़ोतरी वापस लेने के लिए कहेगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भाजपा बढ़ोतरी वापस लेने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।

सांसद मनोज तिवारी और रमेश बिधूड़ी ने भी पीपीएसी बढ़ोतरी को लेकर आप सरकार पर निशाना साधा और धमकी दी कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो वे सड़कों पर उतरेंगे।

भाजपा ने एक बयान में कहा कि विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी के नेतृत्व में दिल्ली भाजपा विधायक बढ़ोतरी के खिलाफ मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

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