दिल्ली दंगे: अदालत ने पिता-पुत्र को आगजनी, हिंसा करने के मामले में दोषी करार दिया

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के एक मामले में हिंसा और आगजनी के लिए स्थानीय अदालत ने एक पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए कहा कि अभियोजन ने उनके खिलाफ आरोप साबित किये हैं।

Updated : 18 April 2023, 8:49 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के एक मामले में हिंसा और आगजनी के लिए स्थानीय अदालत ने एक पिता-पुत्र को दोषी करार देते हुए कहा कि अभियोजन ने उनके खिलाफ आरोप साबित किये हैं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला, मिट्ठन सिंह और उनके बेटे जॉनी कुमार के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रहे हैं, जिन पर 25 फरवरी 2020 को हौजखास में कई संपत्ति को आग के हवाले करने वाली एक दंगाई भीड़ में मौजूद रहने का आरोप है।

न्यायाधीश ने सोमवार को पारित आदेश में कहा, ‘‘मैंने पाया कि इसमें जरा भी संदेह नहीं है...कि वे उस भीड़ का हिस्सा थे, जिसने (शिकायतकर्ता शबाना खातून की) संपत्ति जला दी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘...इसलिए उन्हें धारा 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना), 436 (मकान को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ के जरिये शरारत करना आदि) के तहत दोषी ठहराया जाता है, जिसे भारतीय दंड संहिता की धारा 149 (अवैध रूप से एकत्र हुई भीड़ का प्रत्येक सदस्य अपराध में दोषी है)के साथ पढ़ा जाए।’’

अदालत ने हलफनामा दाखिल करने के लिए विषय को 19 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया, जिसके बाद सजा सुनाने की कार्यवाही शुरू की जाएगी।

न्यायाधीश ने कहा कि दो गवाहों के बयान के आधार पर इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि दोनों आरोपी व्यक्ति उस भीड़ का हिस्सा थे, जो खातून की संपत्ति को आग के हवाले करने में संलिप्त थी।

खजूरी खास पुलिस थाने ने खातून के बयान के आधार पर दोनों व्यक्तियों (पिता-पुत्र) के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में, छह शिकायतकर्ताओं को भी मामले में जोड़ा गया।

Published : 
  • 18 April 2023, 8:49 PM IST

Related News

No related posts found.