DN Exclusive: जब दिल्ली में ही गरीब बदहाल, तो क्या होगा गांवों का हाल?

देश की राजधानी दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ियों मे रहने वाले गरीब लोगों को बुनयादी सुविधाएं देने में भी सरकार नाकाम है, जबकि सत्तासीन नेता आये दिन देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक विकास पहुंचाने और गरीबों के लिये तमाम तरह की योजनाएं शुरू करने की बात करती रहती है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 18 February 2018, 3:16 PM IST

नई दिल्ली: कहने को तो दिल्ली देश की राजधानी के साथ एक सुविधा संपन्न शहर भी है, जहां से पूरे देश के विकास का खाका खींचा जाता है लेकिन जब इस अत्याधुिनक शहर में कई लोग ही उपेक्षित जीवन जीने को मजबूर हों और उनकी सुध लेने वाला कोई न हो तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश के अन्य राज्यों में ऐसे लोगों की कितनी दयनीय स्थिति होगी। 

दिल्ली का दिल कहे जाने  कनाट प्लेस से कुछ ही दूरी पर स्थित करोल बाग गोल चक्कर पर बनी झोपड़ियों में कई लोग बदहाल जीवन जीने के लिए मजबूर है। झुग्गी-झोपड़ियों मे रहने वाले इन लोगों को बुनयादी सुविधाएं देने में भी सरकार नाकाम है, जबकि सत्तासीन नेता आये दिन देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक विकास पहुंचाने और गरीबों के लिये तमाम तरह की योजनाएं शुरू करने की बात करती रहती है। 

ज्वलंत सवाल यह भी है कि देश की राजधानी में खुले आसमान के नीचे जीवन बीता रहे लोगों की असुविधाओं से क्या सरकार वाकिफ नहीं है?  गरीबी मिटाने, शिक्षा देने के वादें करने वाली सरकारें जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाएं पहुंचाने में नाकाम हो रही है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने जब इन बेसहारे लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि हम अस्पतालों में जाते है, तो वहां से भगा दिये जाते है। उन्हे शिक्षा, रोजी-रोटी और गरीबों को लेकर बनायी गयी सरकार की नीतियों की भी कोई जानकारी नही है।
 

Published : 
  • 18 February 2018, 3:16 PM IST

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