कांग्रेस चाहती है कि मणिपुर में मामला गर्म रहे और सर्वदलीय बैठक के बहिष्कार का आधार बने: भाजपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाये जाने पर कांग्रेस की टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को उसकी आलोचना की और आरोप लगाया कि विपक्षी दल अपनी ‘जवाबदेही’ से बचने के लिए बैठक का बहिष्कार करने तथा राज्य में मामला गर्म रखने का आधार तैयार कर रही है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 June 2023, 9:32 PM IST
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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाये जाने पर कांग्रेस की टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को उसकी आलोचना की और आरोप लगाया कि विपक्षी दल अपनी ‘जवाबदेही’ से बचने के लिए बैठक का बहिष्कार करने तथा राज्य में मामला गर्म रखने का आधार तैयार कर रही है।

भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि मणिपुर में हिंसा कांग्रेस की ‘विरासत’ है, क्योंकि जातीय संघर्ष के बीज तब बोए गये थे, जब कांग्रेस केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में थी।

भाजपा नेता ने सिलसिलेवार ट्वीट में दावा किया, ‘‘कांग्रेस ने पहले सर्वदलीय बैठक की मांग की और अब, जब इसकी घोषणा की गई है, तो वह बैठक से ठीक दो दिन पहले इसका बहिष्कार करने का आधार बना रही है। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस का इरादा कोई समाधान ढूंढना नहीं, बल्कि जवाबदेही से बचना और (राज्य में) माहौल गर्म रखना है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘गोलपोस्ट’ बदलने में माहिर है, ताकि ‘संघर्ष का माहौल बना रहे।’

भाजपा की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस द्वारा मणिपुर की स्थिति पर शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को ''बहुत कम, बहुत देर से'' किया गया निर्णय बताये जाने के बाद आई। कांग्रेस ने कहा है कि यदि बैठक दिल्ली में की जाती है तो परस्पर विरोधी गुटों को चर्चा की मेज पर लाने के प्रयासों में गंभीरता की कमी होगी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा कि यह स्पष्ट है कि सर्वदलीय बैठक प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब वह यहां नहीं हैं।

मोदी 21-24 जून तक अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं।

मालवीय ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया, “मणिपुर में हिंसा कांग्रेस पार्टी की विरासत है, जो अराजकता और संघर्ष पर पनपती है। जातीय संघर्ष के बीज जो हम आज देख रहे हैं, वे तब बोए गए थे जब 1990 और उसके बाद के दशकों में केंद्र और राज्य दोनों में कांग्रेस सत्ता में थी।''

भाजपा नेता ने पूछा, ‘‘क्या हमें अब भी यह याद कराने की जरूरत है कि किस प्रकार 2015 और 2017 के बीच ओकराम इबोबी सिंह सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मणिपुर जल उठा था?’’

मालवीय ने कहा कि मणिपुर में मौजूदा स्थिति एक न्यायिक फैसले के परिणामस्वरूप उभरी है, न कि सरकार द्वारा किए गए किसी काम के कारण।

उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अधिक जिम्मेदार विपक्ष होगी और मणिपुर में मौजूदा स्थिति को हल करने में योगदान देगी।'

 

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