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बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो केस रद्द करने की अपील को लेकर कांग्रेस का भाजपा पर वार, जानिये क्या कहा

कांग्रेस ने, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निर्वतमान प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने के दिल्ली पुलिस के अनुरोध के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी का नया नारा 'बेटी डराओ-बृजभूषण बचाओ' है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो केस रद्द करने की अपील को लेकर कांग्रेस का भाजपा पर वार, जानिये क्या कहा

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने, भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निर्वतमान प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने के दिल्ली पुलिस के अनुरोध के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी का नया नारा 'बेटी डराओ-बृजभूषण बचाओ' है।

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ पॉक्सो के तहत मामले की शिकायत पर आरोपी को तुरंत हिरासत में लिया जाता है। लेकिन बृजभूषण शरण सिंह मीडिया में इंटरव्यू देकर मेडल को 15 रुपये का बताता है, रैलियों में शक्ति प्रदर्शन करता है। उससे दिल्ली पुलिस 45 दिन तक पूछताछ तक नहीं करती और उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद प्राथमिक दर्ज होती है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘खेल मंत्री को कैसे पता चला कि 15 तारीख तक आरोपपत्र दायर हो जाएगा? आरोप पत्र दिल्ली पुलिस ने तैयार किया या भाजपा कार्यालय में इसे तैयार किया गया।’’

सुप्रिया ने दावा किया, ‘‘एक नाबालिग लड़की बृजभूषण शरण सिंह जैसे बड़े आदमी के खिलाफ पॉक्सो के तहत शिकायत दर्ज करती है, यौन शोषण का आरोप लगाती है। इसके बाद सारा तंत्र, पुलिस, सरकार के मंत्री और सांसद मिलकर उस लड़की के खिलाफ खड़े हो जाते हैं और बृजभूषण शरण सिंह को संरक्षण दिया जाता है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आज भारतीय जनता पार्टी का नारा है- 'बेटी डराओ-बृजभूषण बचाओ।''

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निर्वतमान प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने का मंगलवार को अनुरोध करते हुए अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पुलिस की रिपोर्ट में दावा किया गया कि नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों के कोई पुष्ट सबूत नहीं मिले हैं। अदालत ने मामले को चार जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

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