पटनाः विरोध-प्रदर्शन, सड़क जाम या ऐसे किसी अन्य मामले में हंगामा हुआ और विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है तो प्रदर्शन में शामिल व्यक्तियों को न नौकरी मिलेगी न ठेका।
हाल ही में बिहार सरकार ने एक नया फरमान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि अगर राज्य में कोई प्रदर्शन करता है तो फिर पुलिस के द्वारा उसका आचरण प्रमाण पत्र खराब किया जा सकता है। पुलिस महानिदेशक की ओर से जारी किए गए इस फरमान में कहा गया है कि सरकारी ठेका, सरकारी नौकरी, हथियार का लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन प्रतिवेदन लेना आवश्यक है।
इस पत्र में डीजीपी ने कहा है कि यदि कोई राज्य में प्रदर्शन के दौरान अपराधिक घटना को अंजाम देता है और ऐसा करने के लिए अगर पुलिस द्वारा उसे चार्जशीट किया जाता है तो इसके बारे में संबंधित व्यक्ति के चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में इस बात का जिक्र होना चाहिए। वेरिफिकेशन रिपोर्ट में संज्ञेय अपराध में शामिल और पुलिस और अदालत द्वारा की गई कार्रवाई की ही इंट्री होगी। इसमें लंबित पुलिस कार्रवाई, प्राथमिकी या अप्राथमिकी अभियुक्त, चार्जशीटेड और अदालत द्वारा दोषसिद्ध का ही उल्लेख होगा। हालांकि अनुसंधान के बाद चार्जशीट नहीं करने और संदिग्ध घोषित व्यक्ति पर भी वेरिफिकेशन रिपोर्ट में टिप्पणी नहीं की जाएगी।