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महराजगंज जिले के सिसवा में पुलिस पर नाबालिग मुस्लिम लड़के को फर्जी तौर पर फंसाने का आरोप, विरोध में जनता उतरी सड़कों पर, भारी आक्रोश और विरोध-प्रदर्शन

जनपद के सिसवा कस्बे में पुलिस पर बेकसूर को फंसाने का बड़ा आरोप लगा है। भारी विरोध के बीच नगरवासियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। जानिए डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज जिले के सिसवा में पुलिस पर नाबालिग मुस्लिम लड़के को फर्जी तौर पर फंसाने का आरोप, विरोध में जनता उतरी सड़कों पर, भारी आक्रोश और विरोध-प्रदर्शन

सिसवा बाजार (महराजगंज): सिसवा कस्बे के गोपाल नगर तिराहे पर स्थित एक मेडिकल स्टोर से बीते 23 दिसंबर की रात लगभग 8 बजे एसओजी व स्वाट टीम द्वारा पकड़े गए प्रतिबंधित पंद्रह सौ इंजेक्शन के मामले में स्थानीय पुलिस पर बड़े आरोप लगे हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने इस कारोबार में शामिल अभियुक्तों के साथ एक दुकान पर चाय पानी लाने वाले नाबालिग को भी मुल्ज़िम बनाया है और उसे बेवजह परेशान किया जा रहा है। 

नाबालिग के मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुये जबरदस्त प्रदर्शन किया।

अपर पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह के पारदर्शी जांच और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार धर्मनाथ, अमरेंद्र सिंह व आशीष सिंह के नेतृत्व मे बुधवार को सुबह में नगर में महिलाओं और पुरुषों ने हाथ में स्लोगन लिखे तख्ती लेकर गोपाल नगर चौराहे पर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया।

इस मामले में जेल भेजे गये नाबालिग सद्दाब के पिता कमरुद्दीन और बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र भी है शामिल है। नाबालिग की उम्र मात्र 17 साल 6 महीना है। आरोप है कि उसे भी प्रशासन ने जबरदस्ती अपने साथ ले जाकर बराबर का अपराधी घोषित कर जेल भेज दिया। 

बता कें कि शनिवार की रात सिसवा के गोपाल नगर मे एसओजी व स्वाट टीम द्वारा राज वैष्णो मेडिकल स्टोर पर छापेमारी के दौरान नशीले इंजेक्शन के साथ चार व्यक्ति को प्रशासन अपने साथ थाने ले गए। बाद में पुलिस ने खुलासा किया कि इन चारों के पास से नशीले इंजेक्शन बरामद हुए है। परन्तु पुलिस ने एफआईआर में दवा ढोने वाली गाड़ी व स्थान को बदल दिया और उस दवा के दुकान पर काम करने वाले चाय पानी लाने वाले एक नाबालिग़ को भी मुल्ज़िम बना दिया गया है।

समाज सेवी अमरेंद्र मल्ल का कहना है कि नगर के सैकड़ों महिला पुरुष का ये प्रदर्शन इस बात का गवाह है कि पुलिसिया खेल के शिकार उस नाबालिग को भी बनाया गया है। आशीष सिंह ने कहा कि छापेमारी कि घटना और वाहन से उतरते दवा का रिकार्ड त्रिनेत्र योजना द्वारा लगा सीसीटीवी मे कैद है। फिर भी प्रशासन ने एफआईआर मे सब कुछ बदल दिया गया है।

एक घंटे के प्रदर्शन के बाद प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र राय द्वारा मोबाइल के जरिये पारदर्शी जांच और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त हो गया।

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