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Bhopal Litfest: विरोध प्रदर्शन के डर से ओनिर ने रद्द किया समलैंगिक अधिकारों का सेशन

फिल्म निर्माता और समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता ओनिर धर द्वारा भोपाल लिट फेस्ट (बीएलएफ) में समलैंगिकों (एलजीबीटीक्यू) के मुद्दों पर चर्चा को एक समूह द्वारा विरोध प्रदर्शन की धमकी के बाद रद्द कर दिया गया है।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Bhopal Litfest: विरोध प्रदर्शन के डर से ओनिर ने रद्द किया समलैंगिक अधिकारों का सेशन

भोपाल: फिल्म निर्माता और समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता ओनिर धर द्वारा भोपाल लिट फेस्ट (बीएलएफ) में समलैंगिकों (एलजीबीटीक्यू) के मुद्दों पर चर्चा को एक समूह द्वारा विरोध प्रदर्शन की धमकी के बाद रद्द कर दिया गया है।

आयोजन समिति के सदस्य लेखक-पत्रकार अभिलाष खांडेकर ने शनिवार को कहा, सरकारी सूत्रों ने बताया किया धर की उपस्थिति के कारण सुरक्षा व्यवस्था में दिक्कत पैदा हो सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है कि ऐसी स्थिति में किसी भी लेखक को दुख हो सकता है। हमें सरकारी सूत्रों ने बताया कि वे सुरक्षा कारणों से इस तरह के लेखक (धर) को भारत भवन में नहीं चाहते हैं क्योंकि इससे कार्यक्रम खराब हो सकता है।’’

बीएलएफ शुक्रवार को यहां सरकार द्वारा संचालित कला परिसर भारत भवन में शुरू हुआ। इसके पहले ही दिन धर को बोलना था।

लिट फेस्ट में अपना सत्र रद्द होने की जानकारी ‘माई ब्रदर… निखिल’ के निर्माता धर ने ट्विटर के जरिए दी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हैरान और दुख की बात है कि जिस कार्यक्रम में मैं वास्तव में चर्चा करने की उम्मीद कर रहा था वह मुझे छोड़ना पड़ा। जाहिर है विरोध और हिंसा की धमकी देने वाला एक समूह था और पुलिस ने आयोजकों से कहा कि वे मेरी सुरक्षा की गारंटी नहीं दे सकते। इसलिए उन्होंने कार्यक्रम रद्द कर दिया।’’

खांडेकर ने कहा कि उन्होंने पूरे उत्सव को रद्द करने के बजाय उनके सत्र को रद्द करना बेहतर समझा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं इसलिए हमने ओनिर धर को बीएलएफ में आमंत्रित किया। यहां तक कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एलजीबीटीक्यू मुद्दे पर बात की है। पिछले साल शिमला में केंद्र द्वारा आयोजित लिट फेस्ट में भी इस विषय पर सत्र हुए थे।’’

खांडेकर ने कहा, ‘‘इसलिए जब हमें बताया गया कि भोपाल में उनकी सुरक्षा का सवाल उठ सकता है तो हमने धर से अनुरोध (रद्द करने के लिए सहमत होने के लिए) किया। किसी ने सुझाव दिया कि पुलिस को बुलाया जा सकता है लेकिन हमारा मानना है कि साहित्य उत्सव में पुलिस नहीं होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि आयोजक भोपाल को देश के साहित्यिक मानचित्र पर लाना चाहते हैं।

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