

ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच भारत के ऑलराउंडर परवेज़ रसूल ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। जम्मू-कश्मीर से भारत के लिए खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने रसूल ने 2014 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए कई रिकॉर्ड बनाए।
परवेज रसूल (Img: Internet)
Srinagar: टीम इंडिया इस समय ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, जहाँ वह एकदिवसीय सीरीज खेल रही है। इस सीरीज के दौरान एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, भारत के एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। यह खिलाड़ी जम्मू-कश्मीर से आने वाला पहला ऐसा क्रिकेटर है, जिसने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था।
भारतीय टीम के ऑलराउंडर परवेज रसूल ने 18 अक्टूबर को आधिकारिक तौर पर क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को पत्र भेजकर अपने फैसले की जानकारी दी। परवेज ने 15 जून 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर में वनडे डेब्यू किया था। उस मैच में उन्होंने 10 ओवर में 60 रन देकर दो विकेट लिए थे। इसके बाद उन्होंने 26 जनवरी 2017 को इंग्लैंड के खिलाफ अपना एकमात्र टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला, जिसमें उन्होंने इयोन मोर्गन का विकेट लिया और 5 रन बनाए।
J&K’s first international cricketer Parvez Rasool has decided to retir friom all forms of cricket at 36. He will be known for being the torchbearer for J&K players and showing them they could make it big too. Parvez finishes his first-class career with 352 wickets and 5648 runs.
— Mohsin Kamal (@64MohsinKamal) October 20, 2025
हालांकि परवेज रसूल का अंतरराष्ट्रीय करियर सीमित रहा, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली रहा। उन्होंने 95 प्रथम श्रेणी मैचों में 5,648 रन बनाए और 352 विकेट झटके। इसके अलावा, उन्होंने 164 लिस्ट ए मैच और 71 टी20 मुकाबले खेले। रसूल को उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए लाला अमरनाथ ट्रॉफी दो बार (2013-14 और 2017-18) से नवाजा गया। आईपीएल में उन्होंने पुणे वॉरियर्स इंडिया, सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु जैसी टीमों के लिए कुल 11 मैच खेले।
संन्यास की घोषणा के बाद परवेज रसूल ने अपने क्रिकेट सफर को याद करते हुए कहा, "जब हमने खेलना शुरू किया था, तब जम्मू-कश्मीर क्रिकेट को कोई गंभीरता से नहीं लेता था।" उन्होंने आगे कहा, "हमने कुछ बड़ी टीमों को हराया और रणजी ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन किया।" रसूल ने बताया कि उन्होंने लंबे समय तक टीम की कप्तानी की और टीम की सफलता में योगदान देना उनके लिए गर्व की बात रही।
परवेज रसूल सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए। सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बावजूद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर तक का सफर तय किया। उनका करियर इस बात का उदाहरण है कि अगर लगन और मेहनत हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।