New Delhi: हर साल 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय खेलों की परंपरा को सम्मान देने और देश के महान खिलाड़ियों को याद करने का अवसर होता है। खासतौर पर इस दिन को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने अपने खेल कौशल से भारत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।
मेजर ध्यानचंद की 119वीं जयंती
शुक्रवार, 29 अगस्त 2025 को मेजर ध्यानचंद की 119वीं जयंती मनाई जा रही है। उनका जन्म 29 अगस्त 1905 को अहमदाबाद में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता समेश्वर सिंह भी भारतीय सेना में थे, और ध्यानचंद ने भी सेना में शामिल होकर हॉकी के प्रति अपना जुनून विकसित किया। मूल नाम ध्यान सिंह होने के बावजूद, उन्हें ‘ध्यानचंद’ नाम मिला क्योंकि वे अक्सर चांदनी रातों में अभ्यास किया करते थे।
400 से ज्यादा गोल और तीन ओलंपिक गोल्ड
ध्यानचंद का करियर 22 वर्षों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा गोल किए और भारत को तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक (1928, 1932, 1936) दिलाए। उनकी याद में दिल्ली के राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का नाम 2002 में बदलकर मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम रखा गया। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और उन्होंने कोच के रूप में भी भारतीय हॉकी को नई दिशा दी। वे पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में मुख्य कोच भी रहे।
राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है?
यह दिन सिर्फ ध्यानचंद को श्रद्धांजलि देने के लिए नहीं, बल्कि युवाओं और बच्चों में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक माध्यम भी है। इस दिन विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और मेजर ध्यानचंद के जीवन से प्रेरित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
खेल मंत्री का संदेश और फिटनेस पर जोर
राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 के अवसर पर केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे कम से कम एक घंटे के लिए आउटडोर खेल गतिविधियों में भाग लें। उन्होंने लोगों को फिट इंडिया अभियान से जुड़ने का भी आग्रह किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन शुरू किया था।
फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत
यह आंदोलन लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है और दैनिक जीवन में फिटनेस को शामिल करने का संदेश देता है। हर साल इस दिन कई संस्थान और संगठन फिटनेस कार्यक्रमों और खेल आयोजनों के माध्यम से इस मूवमेंट को बढ़ावा देते हैं। राष्ट्रीय खेल दिवस अब सिर्फ खेलों का नहीं, बल्कि स्वस्थ भारत का प्रतीक बन चुका है।
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