New Delhi: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा नाम है। कहा जाता है कि बीसीसीआई के साथ जुड़ने वाला हर खिलाड़ी और कंपनी अपनी चमक बढ़ा लेता है। क्रिकेट टीम की जर्सी पर स्पॉन्सरशिप का बड़ा महत्व होता है और कंपनियां इसके लिए भारी कीमतें चुकाने को तैयार रहती हैं। लेकिन ये डील्स जितनी आकर्षक लगती हैं, उतनी ही खतरनाक भी साबित होती हैं। 2001 से लेकर अब तक, बीसीसीआई के साथ जुड़ी हर स्पॉन्सर कंपनी किसी न किसी विवाद में फंसी रही है।
ऑनलाइन गेमिंग बिल का पड़ा असर
2023 में भारतीय क्रिकेट टीम का आधिकारिक स्पॉन्सर बना Dream11 फिलहाल एक बड़े संकट का सामना कर रहा है। भारत सरकार ने 21 अगस्त 2025 के लिए ऑनलाइन गेमिंग बिल पारित किया है, जिसमें रियल-मनी गेमिंग ऐप्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। Dream11 एक कौशल-आधारित फैंटेसी गेमिंग ऐप है जहां यूजर्स खिलाड़ी चुनकर पैसे लगाते हैं। नया बिल इसे भी प्रतिबंधित करेगा, जिससे Dream11 की स्पॉन्सरशिप और व्यापार दोनों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। अब यह बिल राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद प्रतिबंध लागू होगा।
BCCI स्पॉन्सरशिप की विवादास्पद लिस्ट
Dream11 अकेली कंपनी नहीं जो बीसीसीआई की स्पॉन्सरशिप के बाद संकट में है। इसकी लिस्ट में पहले सहारा, स्टार इंडिया, ओप्पो और बायजू जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
- सहारा (2001-2013): भारतीय क्रिकेट की जर्सी पर सहारा का प्रभुत्व था, लेकिन बाद में नियामक उल्लंघनों और निवेशकों के विवादों के कारण समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
- स्टार इंडिया (2014-2017): इसने सहारा की जगह ली लेकिन प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच और बाद में हॉटस्टार के जियो में विलय के कारण संघर्ष किया।
- ओप्पो (2017-2020): 1079 करोड़ के सौदे के बावजूद कम रिटर्न और पेटेंट विवादों ने कंपनी को बाहर निकलने पर मजबूर किया।
- बायजू (2020-2022): एडटेक दिग्गज बायजू ने शानदार शुरुआत की लेकिन वित्तीय संकट और नियामक जाँच के चलते मुश्किलों में फंसी।
ड्रीम11 का भी मंडराया खतरा
ड्रीम11 2023 से भारतीय क्रिकेट टीम का जर्सी स्पॉन्सर है और 2026 तक की डील की गई है। हालांकि, सरकार की नई नीतियों और बीसीसीआई की चिंताओं के चलते कंपनी के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं। पहले कथित जीएसटी चोरी के मामले में 1200 करोड़ रुपये का आरोप लगा था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया, परन्तु नए जांच की आशंका बनी हुई है। इस सबके बीच Dream11 की वैधता और भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं।
क्या होगा Dream11 का?
बीसीसीआई की स्पॉन्सरशिप का आकर्षण भले ही बड़ा हो, लेकिन इसके साथ जुड़ी कंपनियां अक्सर कानूनी, वित्तीय और नियामकीय जटिलताओं का सामना करती हैं। Dream11 के हाल के संकट से साफ है कि उनका यह सफर आसान नहीं है और भविष्य में वह कहां तक आगे जा पाएंगे वो भी फिलहाल साफ नहीं है।