Dubai: एशिया कप 2025 का फाइनल 28 सितंबर को दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाना है, लेकिन इससे पहले इस महामुकाबले पर विवादों का साया मंडरा रहा है। भारत और पाकिस्तान पहले ही इस टूर्नामेंट में दो बार आमने-सामने हो चुके हैं, और अब तीसरी बार फाइनल में टकराव होना है। लेकिन इस बार मामला सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं रह गया है। ऐसे में सावल ये भी है कि क्या पाकिस्तान को भीख में ट्रॉफी मिल जाएगी।
फाइनल मैच के बहिष्कार की उठी मांग
भारत में कुछ प्रमुख हस्तियों और सोशल मीडिया पर एक्टिव यूजर्स ने भारत-पाकिस्तान फाइनल का बहिष्कार करने की मांग उठाई है। इसी क्रम में मशहूर अभिनेता और पूर्व वीजे निखिल चिनप्पा ने एक विवादित बयान देकर चर्चा बढ़ा दी है। उन्होंने ट्विटर (अब X) पर लिखा, “भारत को इस टूर्नामेंट का बहिष्कार कर देना चाहिए और ट्रॉफी पाकिस्तान को भीख में दे देनी चाहिए।” उन्होंने बीसीसीआई से आग्रह किया कि भारतीय खिलाड़ियों को तुरंत देश वापस बुला लिया जाए।
Walk out of the finals. Let them keep the damn cup. Pay whatever penalties the ICC levies… you anyway pay zero tax at home.
Bring our boys home @BCCI. Don’t put them in this terrible situation of playing cricket against someone who mocks our fallen soldiers and murdered…
— Nikhil Chinapa (@nikhilchinapa) September 26, 2025
पाकिस्तानी खिलाड़ियों के व्यवहार पर विवाद
निखिल चिनप्पा के इस ट्वीट की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के खिलाड़ी हारिस रऊफ और साहिबज़ादा फरहान की कथित बदतमीज़ी है, जो 21 सितंबर को भारत-पाकिस्तान सुपर 4 मैच के दौरान सामने आई थी। मैच के दौरान फरहान ने अर्धशतक के बाद “बंदूक स्टाइल” सेलिब्रेशन किया, वहीं हारिस रऊफ ने भारतीय बल्लेबाजों के साथ आक्रामक और अभद्र व्यवहार किया। बीसीसीआई ने इस पर नाराजगी जताते हुए आईसीसी से शिकायत भी की थी।
क्या भारत फाइनल से हट सकता है?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत वाकई एशिया कप का फाइनल नहीं खेलेगा? हालांकि बीसीसीआई की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर बहिष्कार की मांग तेज हो गई है। अगर भारत फाइनल से हटता है, तो एशिया कप 2025 की ट्रॉफी तकनीकी रूप से पाकिस्तान को वॉकओवर के रूप में मिल सकती है यानी भीख में ट्रॉफी!
राजनीतिक माहौल भी गरम
राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी इस मैच को लेकर माहौल गर्म है। कई लोग मानते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ खेलकर भारत उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता दे रहा है, जबकि कुछ का मानना है कि खेल को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए।

